आयुर्वेदिक उपचार से कंधे दर्द का इलाज

आयुर्वेद कंधे दर्द के लिए

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    परंपरागत कहें या धरती की गोद में जन्म लेनी वाली प्राणवायु रूपी जड़ी बूटियों के खजाने से इंसानी काया को स्वस्थ करने का माध्यम, लेकिन वाकई आयुर्वेद विधा एक शानदार उपचार के रूप में सदियों से हमें जीवन देती आई है. दर्द कहीं भी हो शरीर को कष्ट पहुँचाता ही है. मसलन हड्डियों में दर्द बेहद पीड़ा प्रदान करता है. इन्ही जोड़ों में एक जोड़ होता है कन्धा. कंधे दर्द के मसलन कई कारण होते हैं. जरूरत से ज्यादा श्रम, खेलकूद के दौरान मोच या चोट, अनुवांशिक परिस्थिति को जिम्मेदार मानें या फिर आंतरिक अंगों में फ़ैल रहे रोगों की वजह. इन्ही सब कारणों के चलते कंधे में असहनीय पीड़ा होती है. वैसे आधुनिक युग में घंटो एक जगह बैठकर कंप्यूटर या फिर स्मार्ट फोन का प्रयोग भी इस तरह की पीड़ा का एक बड़ा कारण माना जाता है.

    जब हमें इन कारणों से दर्द की अनुभूति होती है तब हम उपचार ढूंढना शुरू कर देते हैं. मसलन फौरी रहत के लिए इजाद एलोपैथी विधा से हम तुरंत राहत तो पा लेते हैं लेकिन इसके कई तरह के दुष्परिणाम शरीर के लिए खतरा बन जाते हैं. आयुर्वेद से शरीर में हो रहे दर्द को कैसे दूर किया जाए या फिर इसके किस तरह के फायदे या नुकसान होते हैं आज इस लेख के माध्यम से जानने की कोशिश करेंगे.

    दूध का सेवन

    दूध का सेवन

    दूध विटामिन डी और कैल्शियम का सबसे बड़ा प्राकृतिक साधन माना जाता है. हमारे शरीर की हड्डियाँ कैल्शियम पर ही निर्भर करती हैं. एक गिलास दूध में आधा केला और चुटकी भर मिश्री डालकर सुबह शाम सेवन करने से कंधे दर्द की समस्या दूर हो जाती है. इसके अलावा गुनगुने दूध में हल्दी डालकर पीने से भी दर्द समाप्त हो जाता है.

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      सौंफ, तेजपात और अजवाइन

      सौंफ, तेजपात और अजवाइन

      10 ग्राम तेजपात, 10 ग्राम अजवाइन के साथ करीब 5 ग्राम सौंफ को अच्छे से कूटकर पाउडर बना लें. कूटे गए पाउडर को करीब एक लीटर पानी में अच्छे से ऊबाल लें. जब पानी थोड़ा सा बच जाए तब इसकी एक चम्मच मात्रा दिन में 2 बार प्रयोग करें. करीब एक सप्ताह इस पेस्ट का सेवन करें. इस तरह से आपका कंधे में उठने वाला दर्द समाप्त हो जाएगा.

      अस्वगंधा और देवदार

      अस्वगंधा और देवदार

      अश्वगंधा, देवदार और कुमकुम को एक खरल में पीसकर चूर्ण बना लें. इस चूर्ण में एक चुटकी मिश्री मिलकर सुबह शाम दूध के साथ सेवन करने से दर्द दूर होने लगता है. इसका सेवन करीब एक सप्ताह तक करने से असर होना शुरू हो जाता है.

      आयुर्वेद के नुकसान

      ऊपर दिए गए कंधे दर्द के आयुर्वेदिक तरीके से तकलीफ़ तो दूर होती है लेकिन इसकी मात्रा और उपभोग बिना चिकित्सक की सटीक सलाह के करना शरीर को नुकसान पहुंचा सकता है. यही नही मात्रा ज्यादा होने से रोगी की जान पर भी बन जाती है. किसी भी दवा के सेवन से पहले चिकित्सक या वैद से सलाह लेनी की जरूरत होती है हालांकि इस विधा की दवाइयां पूरी तरह जड़ी बूटी पर निर्भर करती हैं इसलिए इनका शरीर पर साइड इफेक्ट ना के बराबर होता है.

      डॉ आकांक्षा

      • 7 Years of Experience
      • (BHMS)
      • Quora

      मै डॉ आकांक्षा होम्योपैथिक चिकित्सा में बैचलर हैं. इन्हें जॉइंट्स पेन (जोड़ों का दर्द) और बैक पेन (पीठ दर्द) जैसे रोगों का विशेषज्ञ माना जाता है. इन्होने अपने उपचार से देश के हजारों मरीजों को नया जीवन दिया है. डॉ आकांक्षा को जॉइन्स पेन( जोड़ों का दर्द) और बैक पेन

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