मानव शरीर में कई हड्डियां और जोड़ होते हैं, जिनके कार्य तो अलग होते हैं लेकिन सभी आपस में एक दूसरे के पूरक होते हैं. इंसानी कंधा मुख्यतः तीन हड्डियों से बना होता है. ऊपरी बाजू की हड्डी, हंसली और कंधे की हड्डी. ऊपरी बाजू का शिरा कंधे में एक गोल सॉकेट की तरह फिट रहता है. इस तरह के सॉकेट को उपचार माध्यम में ग्लेनोइड कहते हैं. मांसपेशियों का संयोजन बांह की हड्डी को कंधे के सॉकेट पर स्थापित करता है. इन उतकों को उपचार विधा में रोटेटर कफ कहते हैं. मसलन कंधे का दर्द बुढ़ापे में ज्यादा असर करता है. सर्दियों के मौसम में तो इस तरह का दर्द बढ़ जाना स्वाभाविक होता है. वैसे आज के दौर में इस तरह की समस्या हर उम्र वर्ग में देखने को मिल जाती है.
एक अंतरार्ष्ट्रीय सर्वे के मुताबिक़ कंधे में दर्द की समस्या से भारत जैसे विशाल देश की करीब 68 फ़ीसदी आबादी जूझ रही है. वैसे दुनिया में कई तरह के उपचार माध्यम मौजूद हैं लेकिन फौरी राहत देने वाली चिकित्सा विधा जो दुनिया में सर्वप्रचलित है इसके कंधे के दर्द में किस तरह के फायदे होते हैं यह जानना भी जरूरी हो जाता है. इसका सबसे बड़ा कारण जीवनशैल में लगातार बदलाव ही है. खेल, व्यायाम की अधिकता, मोटापा और अंदरूनी चोट के साथ रोगों के पनपने के चलते यह दर्द बहुत आम हो चला है. आज इस लेख के माध्यम से हम बताएंगे कि एलोपैथिक दवाइयां किस तरह से दर्द में फायदा पहुंचाती हैं और इनके नुकसान क्या होते हैं.
एलोपैथिक चिकित्सा और कंधे दर्द में फायदे
कंधे दर्द को एलोपैथ उपचार की भाषा में फ्रोजन शोल्डर भी कहा जाता है. इस अवस्था में मरीज का ज्वॉइंट यानी जोड़ बहुत तंग या कड़ा हो जाता है. इस अवस्था के चलते इंसान को हंत उठाने और घुमाने जीसी क्रियाओं में तकलीफ़ बढ़ जाती है. आम तौर पर सर्दियों के मौसम में बांहों में अकड़न और तकलीफ रात में अधिक बढ़ जाती है. कमोवेश इस तरह की समस्या ज्यादा उम्र की महिलाओं में व थायराइड और मधुमेह होने की स्थिति में उत्पन्न होती है. युवाओं में अधिक व्यायाम के चलते मसल्स में खिंचाव के चलते इस तरह की समस्या देखी जाती है.
इस स्थिति से निपटने के लिए एलोपैथ में तीव्र दर्द नाशक क्रीम, स्प्रे सहित दर्द नाशक दवाओं के साथ कुछ जीवाणुरोधी दवाओं के सेवन की सलाह दी जाती है. सबसे खास बात यह है कि इस उपचार माध्यम की दवाओं का असर शरीर पर तुरंत हो जाता है. यह दवाएं दर्द उत्पन करने वाले नर्व्स को ब्लॉक कर राहत पहुँचाने का काम करती है. दुनिया में दर्द के लिए तुरंत राहत देने वाली यह इकलौती उपचार विधा है और दुनियाभर में सर्वप्रचलित है. मरीज के ऊपर यदि दवा असर नही करती तब शल्य चिकित्सा के माध्यम से भी एलोपैथ उपचार करने में सबसे सहायक होता है.
एलोपैथिक दवा के नुकसान
एलोपैथी या अंग्रेजी दवा दर्द में तुरंत राहत तो पहुंचाती है लेकिन इसके बहुत से साइड इफेक्ट भी होते हैं. इन साइड इफेक्ट्स की वजह से शरीर में कई तरह की विसंगतियां हो जाती हैं. इसके अलावा बिना चिकित्सक की सलाह के ली जाने वाली इस उपचार माध्यम की दवाएं जानलेवा साबित हो जाती हैं.