पीठ दर्द से संबंधित रोगों के लिए असरदार हैं ऐसे योगासन

पीठ दर्द के लिए योग

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    योग ऐसा साधन है जिसके निरन्तर क्रियान्वयन से जहां रोगों से मुक्ति मिलती है। योग का प्रयोग रोग हो जाने पर भी काफी कारगर साबित होता है। पीठ के दर्द में आसन या योग प्राकृतिक उपचार का एक बड़ा हिस्सा माना जाता है। आधुनिक युग में जहां तुरंत तकलीफ कम करने वाली दवाएं मौजूद हैं तो दूसरी तरफ योग शरीर के इस तरह की परेशानियों के लिए मील का पत्थर साबित हो सकता है।

    पीठ में दर्द वैसे तो एक बेहद आम समस्या है लेकिन लापरवाही इस तरह के दर्द को लाइलाज भी बना सकती है। गलत तरीके से खड़ा होना, ज्यादा देर तक एक जगह बैठे रहना ऐसी वजहों से स्थिति खराब हो सकती है। कई बार आंतरिक रोगों जैसे किडनी स्टोन या फिर अन्य रोगों की वजह से इस तरह के दर्द देखने को मिलते हैं। ज्यादा देर तक एक जगह बैठने की जगह समय-समय पर मूवमेंट करते रहने से आमतौर पर होने वाली यह समस्या कम हो जाती है। ह्रदय या फेफड़े के रोगों में भी पीठ दर्द देखा जाता है। हलकी सी दर्द होने पर बिना डॉक्टर की सलाह के दवा लेने वाले लोग आगे चलकर काफी परेशानी उठा सकते हैं। इस लेख के माध्यम से कुछ ऐसे योग के तरीकों पर प्रकाश डालने जी कोशिश है जो शरीर की हड्डियों को मजबूत कर उन्हें नई ऊर्जा प्रदान करते हैं।

    सर्व हित आसन के पीठ दर्द में फायदे

    सर्व हित आसन

    यह ऐसा आसान है जो पीठ की हड्डियों को नई ऊर्जा तो देता ही है अपितु शरीर मे मौजूद हड्डियों के जोड़ों में मौजूद नर्म ऊतकों और फ्लूड की भी सुरक्षा करता है। खाली पेट सूर्योदय में समय इस योग का अनुपालन करने से शरीर मे पर्याप्त मात्रा में कैल्शियम की आपूर्ति होती है।

    आसन की विधि

    इस योग को करने के लिए पैरों को सीधा कर पीठ के बल फर्श पर लेट जाएं। अब कंधे को पैरों के बराबर फैला लें। हाथ को ऊपर ले जाते हुए पैरों को ऊपर की तरफ ले जाएँ। अब शरीर को दाहिनी तरफ झुकाते हुए सांस अंदर खींचें।  ऐसा ही बाईं तरफ करते हुए थोड़ी देर तक खुद को स्थिर रखें।  अब हल्का- हल्का साँस छोड़ते हुए सामान्य मुद्रा में वापस आ जाएं। ऐसा योग हड्डियों को नई ऊर्जा तो देता ही है बल्कि हड्डियों में रक्तसंचार भी संतुलित करता है।

    आनंद आसन से पीठ दर्द में लाभ

    आनंद आसन

    यह सबसे सरल आसान माना जाता है। इसके प्रयोग से जहां शरीर जो आराम मिलता है तो दूसरी तरफ पीठ में दर्द की समस्या भी छूमंतर होने लगती है। इस आसन से मानसिक तनाव और अवसाद की स्थिति से निजात मिलती है तो हड्डियों में रक्त संचार का प्रवाह भी निरंतर बना रहता है।

    योग की विधि

    जमीन पर चटाई बिछाकर पैरों को फैलाते हुए सीधा लेट जाएं। यदि पीठ दर्द की समस्या से परेशान हैं तो सिर और कंधे के पास तकिया रख सकते हैं। इस स्थिति में शरीर को पूरा हल्का छोड़ दें और आंखों को बंद कर लें। अब गहरी सांस अंदर की तरफ खींचें और धीरे- धीरे सांस को छोड़ते रहें। ऐसा करीब 4 से 5 मिनट करते रहें। ऐसा करने से सीने की मांसपेशियों के साथ रीढ़ के ऊतकों में रक्त संचार बढ़ता है और दर्द दूर होने लगता है। खाली पेट इस आसन को पीठ के बल लेटने के अलावा पेट के बल लेटकर भी किया जाना हितकारी होता है।

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      वज्रासन या शशांकासन के फायदे

      वज्रासन

      पीठ दर्द के लिए योग में इस आसान का बहुत महत्व होता है। यह ऐसा आसन है जो मानसिक स्थिरता प्रदान करने के साथ शरीर मे कैल्शियम की मात्रा का संचार करता है। इस योग से फेफड़ों के संक्रमण दूर होने लगते हैं तथा रीढ़ की हड्डियों को नई ऊर्जा मिलती है।

      आसन कि विधि

      जमीन पर पैरों के बल बैठ जाएं। अब घुटनों के बल पर बैठने के साथ पैर की हथेलियों पर शरीर का वजन रखते हुए शरीर को सीधा रखें और हाथ को आगे की तरफ फैलाते हुए हल्का सा झुकाव के साथ गहरी सांस लें। याद रहे ऐसी स्थिति में वजन पैरों के पंजों पर ही रहे। अब हाथों को जमीन पर रखते हुए सिर को झुकाकर सांस छोड़ें। ऐसा आसन खाली पेट करने से पीठ दर्द में लाभ मिलता है। यह आसन 5 से 10 मिनट तक करना स्वास्थ्य के लिए लाभकारी साबित होता है।

      पीठ दर्द में हस्त उत्थानासन के लाभ

      उत्थानासन

      पीठ दर्द के लिए योग में इस आसन का बेहद अहम भूमिका होती है। इस योग के माध्यम से शरीर की हड्डियों में लचीलापन आता है और मांसपेशियों में आया खिंचाव दूर होने लगता है। इस योग को प्रयोग में लाने से मन को शांति तो प्राप्त होती ही है बल्कि जोड़ों में मौजूद अवशिष्ट तत्व भी बाहर निकल जाते हैं। हस्त उत्थानासन के सटीक प्रयोग से पीठ में मौजूद स्पाइनल कॉर्ड मजबूत होकर हड्डियों के विकास में योगदान देता है। यह योग शरीर को कैल्शियम की प्रचुर मात्रा भी प्रदान करने में सहायक होता है।

      योग की विधि

      पीठ दर्द के दौरान जमीन पर सावधान मुद्रा में खड़े हो जाएं। अब दोनों पैरों को समानांतर स्थिति में थोड़ा सा फैलाकर हाथों को भी फैला लें। ध्यान रखें कि इस दौरान रीढ़ की हड्डी बिल्कुल सीधी रहे। अब हल्की सांस ऊपर खिंचे और थोड़ी देर ऐसी स्थिति में बने रहें। ऐसा करीब 5 मिनट तक करते रहें और समय-समय पर शरीर को हल्का ढीला छोड़ दें।

      योग संबंधित जरूरी सुझाव

      पीठ का दर्द होने के दौरान ज्यादा देर तक कठिन योग से बचने की जरूरत होती है। वैसे भी किसी भी योग को यदि किसी प्रशिक्षित व्यक्ति की देख रेख में किया जाए तो काफी उत्तम होता है।

      डॉ वैशाली

      • 7 Years of Experience
      • (Physiotherapist)

      डॉ वैशाली, योगा, व्यायाम जैसे माध्यम से हड्डियों के रोग का इलाज करती हैं. इन्हें इस विधा में करीब 6 साल का अनुभव है. इनके साथ योग, व्यायाम जैसे तरीके सीखकर देश के हज़ारों मरीज स्वास्थ्य लाभ उठाते हैं. पिछले कई सालों में लगभग हर मरीज डॉक्टर वैशाली के बताए

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