गर्दन दर्द में यूनानी दवा के लाभ और हानि

गर्दन दर्द में यूनानी दवा के लाभ और हानि

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    बिना किसी केमिकल हर्बल दवाओं द्वारा निर्मित यूनानी दवाएं वाकई हड्डियों के दर्द में काफी कारगर साबित होती हैं. बात करें गर्दन दर्द की तो यह शरीर का बहुत उपयोगी जोड़ होता है. रदान को हिलाए दुलाए बिना इंसान अपनी दिनचर्या को सुचारू नही रख सकता. भाग दौड़ भरी जिन्दगी में व्यस्तताओं के चलते लोग कई घंटों तक बैठकर या खड़े होकर काम करते रहते हैं.

    मसलन कंप्यूटर और स्मार्ट फोन भी इस तरह के दर्द के बड़े कारक होते हैं. पुरानी चोट, मोच या मसल्स में खिंचाव क्ले चलते स तरह की समस्याए हो ही जाती हैं. आमतौर पर यह रोग बुढ़ापे का कहा जाता है लेकिन बढ़ते प्रदूषण और लगातार बदलते जीवनशैली के चलते युवा पीढ़ी भी इसकी चपेट में है. वैसे तो दुनिया में कई तरह की दवाइयां इलाज़ के लिए इजाद की गई हैं लेकिन यूनानी उपचार सबसे अलग तरह से मर्ज़ को दूर करता है. आज इस लेख के माध्यम से जानने की कोशिश करेंगे कि यूनानी उपचार से गर्दन दर्द में किस तरह के लाभ और हानि होती है.

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      यूनानी उपचार के फायदे

      सर्वाइकल स्पांडिलाइसिस या फिर गर्दन दर्द इंसान को बहुत पीड़ा पहुंचाता है. अक्सर आपने गले में पट्टा बंधे कुछ लोगों को देखा होगा जो अपनी गर्दन को भी हिला दुला नही पाते. इस परिश्थिति में जब दर्द हद से गुजर जाता है तब तुरंत राहत पाने के लिए कुछ एलोपैथिक दवाओं का सेवन करना शुरू कर देते हैं. इस विधा की दवाएं तुरंत तो आराम पहुंचाती हैं लेकिन स्थाई तौर पर दर्द दूर नही कर पाती. हर्बल कहें या फिर यूनानी इस उपचार माध्यम ने अपनी दवाओं से हड्डी दर्द में नया आयाम स्थापित किया है. पूरी दुनिया में हड्डियों का दर्द दूर भगाने के स्थाई निजात के लिए अग्रणी भूमिका निभाई है.

      गर्दन दर्द में हकीम कच्चे हर्बल उत्पादों मसलन सुरंजन, मेथी दाना और कई तरह के माजूनों का प्रयोग कर दवाओं का निर्माण करते हैं. इन्ही तत्वों से केमिकल फ्री दवाओं का सेवन मरीज को रोग के आधार पर दी जाती है. प्रकृति में मौजूद जड़ी बूटियों की खोज के साथ ही इस विधा की दवाइयां हड्डियों पर स्थाई तौर पर असर करने का काम करती हैं.  वैसे भी यूनानी उपचार महज इलाज नही है वरन समस्याओं से निजात पाने का समाधान भी है. इस विधा में दर्द को दूर करने के लिए कई तरह के तेल और कैप्सूल आते हैं जो गर्दन दर्द में रामबाण की तरह काम करते हैं. इसके अलावा एक्यूपंचर से दर्द को दूर करने के लिए भी पद्धति अपनाई जाती है और साथ में व्यायाम की सलाह भी दी जाती है. पंचकर्मा और अग्निकर्मा के साथ उपचार यूनानी पद्धति में बेहद मशहूर है.

      यूनानी दवा के लाभ और हानि

      यूनानी के नुकसान

      हर्बल या फिर यूँ कहें की प्रकृति की गोद से निकाले गए तत्वों द्वारा मानव शरीर का इलाज़ माध्यम किसी तरह का साइड इफेक्ट तो नही देता लेकिन इस विधा की दवाओं का इस्तेमाल तेज दर्द के समय नही किया जा सकता. कमोवेश ऐसी दवाईया दर्द के लिए फौरी राहत नही दे पाती हैं. किसी भी दवा के सेवन से पहले हकीम या चिकित्सक की सलाह लेना अत्यंत आवश्यक होता है.

      डॉ करुणा

      • 10 Years of Experience
      • (BAMS)

      डॉ करुणा आयुर्वेद विधा में स्नातक हैं. आयुर्वेद से उपचार के लिए इन्हें कई मैडल भी मिल चुके हैं. इनके इलाज से गर्दन दर्द के हज़ारों मरीज स्वास्थ्य लाभ उठा चुके हैं. इन्हें इस विधा में 9 साल का अनुभव है. डॉ. करुणा कहती हैं कि आयुर्वेद उपचार प्राचीन काल

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