कंधे दर्द में इस तरह काम करती हैं होम्योपैथिक दवाएं

होम्योपैथी कंधे के लिए

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    होम्योपैथिक चिकित्सा विधा में चिकित्सक का मुख्य कार्य मरीज द्वारा बताए गए रोग इतिहास एवं लक्षणों के हिसाब से उसी प्रकार के लक्षणों को उत्पन्न करने वाली दवाओं का चुनाव करना होता है. रोग के लक्षण और दवाओं द्वारा उत्पन्न लक्षण में जितनी ज्यादा समानता होगी मरीज के ठीक होने की संभावना उतनी अधिक बढ़ जाती है. इस विधा में चिकित्सक कितना अनुभवी है यह भी बड़ा मायने रखता है. मसलन पुराने और जटिल रोगों की चिकित्सा हेतु रोगी और चिकित्सक दोनों के लिए धैर्य की जरूरत होती है. वैसे कंधे का दर्द इंसानी रूह में कई विसंगतियां उत्पन्न कर देता है. इंसान चाहकर भी अपने बाजुओं को हिलाने डुलाने में असमर्थ हो जाता है या तकलीफ़ की अनुभूति करता है.

    मसलन यह समस्याएँ बूढ़े और बुजुर्गों में देखी जाती थी लेकिन आज की दिनचर्या ने युवा पीढ़ी में इस रोग को विष की तरह भर दिया है. बात होम्योपैथी की करें तो पता चलता है कि इस विधा की दवाएं शरीर पर धीमी गति से काम करती हैं. बात कंधे दर्द की हो रही है तो यहाँ जानना जरूरी है कि इस तरह की समस्या में होम्योपैथी किस तरह कारगर है. इसके अलावा इसके फायदे के साथ इस विधा के नुकसान के बारे में भी प्रकाश डालना जरूरी हो जाता है.

    होम्योपैथी दवाओं के कंधे दर्द में फायदे

    दुनिया के बड़े उपचार माध्यमों में होम्योपैथी का नाम भी लिया जाता है. इसके लिए देश भर से पढ़ाई करके हर साल हज़ारों डॉक्टर मरीजों को सेवा देते हैं. मरीज को देखने के बाद डॉक्टर उसके इतिहास के बारे में पता करते हैं. इसके बाद वे ऐसी कुछ चीनी नुमा दवाएं और द्रव पीने को देते हैं जिससे अमुक रोग के लक्षण मरीज में पैदा हो सकें. इस विधा में एक सर्वे बताता है कि डॉक्टर पहले रोग को उभारने का काम करते हैं फिर धीरे-धीरे इसके उपचार की विधा बताते हैं. बात करें कंधे दर्द की तो यह उपचार काफी हद तक स्थाई इलाज के रूप में किया जाता रहा है. इस विधा को जर्मन तकनीक के नाम से भी जाना पहचाना जाता है. हालांकि इस माध्यम में दर्द के फौरी राहत की दवा नही होती लेकिन धीरे-धीरे इन दवाओं का सेवन काफी हद तक मरीज को ठीक करने का कार्य करती है. कुछ सर्वे यह भी बताते हैं कि इस माध्यम से साइड इफेक्ट भी दूर होने लगते हैं. इस विधा में सल्फर और बल्गेरिस जैसी दवाएं मरीजों पर बेहतरीन असर डालती हैं.

    होम्योपैथी दवाओं के नुकसान

    यदि नुकसान की बात करें तो केमिकल से फ्री होने के बावजूद इस तरह की दवाओं के कभी कभार दुष्परिणाम सामने आ ही जाते हैं. इसका सबसे बड़ा कारण होता है दवाओं की मात्रा का समय से ना लेना या कम या ज्यादा मात्रा का सेवन करना. इसके अलावा यदि रोगी किसी दवा का समय सीमा के बाद भी सेवन करता है तब यह शरीर के लिए घातक हो सकता है. इसका ओवरडोज़ शरीर के लिए बेहद नुकसान पहुंचा सकता है. बिना डॉक्टर की सलाह के लिए गई औषधियां जीवन को संकट में डालने जैसी होती हैं. इसलिए जब भी होम्योपैथी का इस्तेमाल करें चिकित्सक की सलाह से करें और परहेज करना ना भूलें.

    डॉ आकांक्षा

    • 7 Years of Experience
    • (BHMS)
    • Quora

    मै डॉ आकांक्षा होम्योपैथिक चिकित्सा में बैचलर हैं. इन्हें जॉइंट्स पेन (जोड़ों का दर्द) और बैक पेन (पीठ दर्द) जैसे रोगों का विशेषज्ञ माना जाता है. इन्होने अपने उपचार से देश के हजारों मरीजों को नया जीवन दिया है. डॉ आकांक्षा को जॉइन्स पेन( जोड़ों का दर्द) और बैक पेन

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