कमर दर्द में यूनानी कुछ यूँ करता है असर

कमर दर्द में यूनानी

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    दर्द का स्थाई इलाज़ यूनानी में ही निहित है यदि ऐसा कहा जाय तो अतिश्योक्ति नही होगी. दुनिया के चिकित्सा शोधों ने आधुनिक दौर में कई नए आयाम स्थापित किए हैं. मसलन इनमें से दर्द को दूर भगाने में जिस तरह यूनानी पद्धति की दवाइयां असर करती हैं वाकई काबिले तारीफ हैं. बदलते दौर में इंसान की बिगडती दिनचर्या और खानपान ने मन सहित पूरे शरीर को अशांत कर रखा है

    कमोवेश भागदौड़ के चलते हर उम्र वर्ग को आज कमर दर्द जैसी जटिल समस्या से आए दिन दो चार होना ही पड़ता है. वैसे तो दुनिया में दर्द को दूर करने की कई चिकित्सा विधाएं काम करती हैं लेकिन यूनानी को हड्डियों के दर्द दूर करने में दुनिया की सबसे बेहतरीन विधाओं में शुमार किया जाता है. आज इस लेख के माध्यम से हम जानेंगे कि कमर दर्द में यूनानी विधा के क्या फायदे और नुकसान होते हैं.

    कमर दर्द में यूनानी के फायदे

    घरेलू कामकाजी महिलाओं या फिर दफ्तर में देर तक कैक्ट गुजारकर घर जाने पर किचन में काम करने वाली स्त्रियों में यह समस्या आम बात है. दर्द हो जाने की स्थिति में लोग तुरंत राहत पाने के उपाय के तहत कुछ एलोपैथिक दवाओं का सेवन करना शुरू कर देते हैं. ऐसी दवाएं तुरंत तो आराम पहुंचाती हैं लेकिन स्थाई तौर पर दर्द दूर नही कर पाती. सदियों से यूनानी ने दुनिया भर के दर्दों से स्थाई निजात के लिए अग्रणी भूमिका निभाई है.

    सुरंजन, मेथी दाना और कई तरह के माजूनों का प्रयोग कर हकीम दर्द से छुटकारा दिलाते हैं. ख़ास बात यह है कि इस तरह की दवाइयां पूरी तरह से हर्बल पद्धति पर आधारित होती हैं. प्रकृति में मौजूद जड़ी बूटियों की खोज के साथ ही इस विधा की दवाइयां हड्डियों पर स्थाई तौर पर असर करने का काम करती हैं. अन्य विधा की दवाइयों का किसी तरह का साइड इफेक्ट भी हो जाता है लेकिन यूनानी दवा का किसी तरह का कोई भी दुष्परिणाम नही होता. यूनानी विधा में कई तेल और कैप्सूल आते हैं जो कमर दर्द में रामबाण की तरह असर करते हैं. इसके अलावा एक्यूप्रेशर के माध्यम से दर्द को दूर करने का काम किया जाता है. अग्निकर्मा जैसी पद्धतियों के द्वारा भी कमर दर्द का स्थाई इलाज़ किया जाता है. इसके अलावा जोड़ों और कमर के हिस्से से खराब खून निकालकर भी दर्द का स्थाई इलाज़ यूनानी विधा से प्रचलित है.

    कमर दर्द में यूनानी के नुकसान

    इन दवाओं के आमतौर पर तो किसी तरह के साइड इफेक्ट या दुष्परिणाम देखने को नही मिलते। मसलन कभी कभी बिना चिकित्सक की सलाह के ली गई दवाओं से कुछ दुष्परिणाम होने की आशंका बनी रहती है. इसके दुष्परिणाम के लक्षणों में अत्यधिक गर्मी लगना, पसीना अना, पेट खराब होना या शरीर पर चकत्ते पड़ने जैसी स्थिति उत्पन्न हो जाती है. हालांकि कुछ दवाओं के सेवन के बाद स्थाई तौर पर ख़त्म हो जाते हैं. इसलिए जब भी इस विधा की दवाओं का सेवन करें चिकित्सक या हकीम की सलाह जरूर लें.

    डॉ करुणा

    • 10 Years of Experience
    • (BAMS)

    डॉ करुणा आयुर्वेद विधा में स्नातक हैं. आयुर्वेद से उपचार के लिए इन्हें कई मैडल भी मिल चुके हैं. इनके इलाज से गर्दन दर्द के हज़ारों मरीज स्वास्थ्य लाभ उठा चुके हैं. इन्हें इस विधा में 9 साल का अनुभव है. डॉ. करुणा कहती हैं कि आयुर्वेद उपचार प्राचीन काल

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