एलोपैथ चिकित्सा पद्धति से कमर दर्द के फायदे और नुकसान

एलोपैथ कमर दर्द के लिए

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    इन्सान का जीवन भाग दौड़ भर होता ही है. बदलते युग में हम सब रोबोट की मानिंद काम करने के आदि होते जा रहे हैं. शरीर में मौजूद हड्डियाँ गलत दिनचर्या और खानपान को बर्दास्त नही कर पाती और उनमें विकार आने शुरू हो जाते हैं. मसलन यह विकार दांत, हाँथ, पैर सहित कमर या किसी भी अन्य भाग में आ सकते हैं. कुछ विकार तो चोट और मोच की वजह से होते हैं तो कुछ आंतरिक तौर पर हड्डियों को बेहद नुकसान पहुंचाते हैं. गलत खानपान की वजह से शरीर में अकी बार यूरिक एसिड जमना शुरू हो जाता है.

    यूरिक एसिड शरीर की हड्डियों के जोड़ों में जहर भरने का काम करते है. इस तरह हड्डियाँ कमजोर होकर दर्द का कारण बन जाती हैं. कमोवेश इन्ही विसंगतियों के चलते कमर दर्द का भी हो जाना एक आम बात हो गई है. आज के दौर में इस तरह की समस्या से दुनिया का हर तबका परेशान है. आधुनिक युग में कई तरह की इजाद चिकित्सा पद्धति में एलोपैथ दर्द दूर करने का सबसे तीव्र साधन माना जाता है. आज इस लेख के माध्यम से हम आपको कमर दर्द में एलोपैथिक दवाओं के फायदे और नुकसान के बारे में बताने वाले हैं.

    एलोपैथ से कमर दर्द के फायदे

    जब शरीर में दर्द की अनुभूति होती है तब एलोपैथ दवा तुरंत आराम पहुंचाती है. कमर दर्द की स्थिति में भी यह दवा तुरंत आराम पहुंचाती है. मसलन कई तरह की पेनकिलर और जीवाणुरोधी दवाओं के साथ एंटी ओक्सिडेंट दवाओं के माध्यम से डॉक्टर इलाज की सलाह देते हैं. इस तरह की दवाइयां शरीर के रक्त में तुरंत मिलकर दर्द को आराम देती हैं. जब टेबलेट और कैप्सूल से मरीज को आराम की अनुभूति नही होती है तब चिकित्सक नसों में इन्जेक्टों देकर या ड्रिप में इंजेक्शन लगाकर दर्द के वेग या पराव को काफी हद तक कम करने का काम करता है. आज तक की चिकित्सा तकनीक में एलोपैथ दवा के अलावा कोई ऐसी विधा नही है जिससे किसी भी दर्द को तुरंत कम किया जा सकता हो. इस तरह से यह दवाइयां काफी समय तक शरीर को राहत प्रदान करती हैं. हड्डियों के दर्द में स्थाई राहत के लिए दुनिया के कई चिकित्सा संस्थान लगातार खोज कर रहे हैं.

    एलोपैथ से नुकसान

    कमर दर्द होते ही लोग तुरंत राहत के लिए पेनकिलर टेबलेट या कैप्सूल का सेवन करने से परहेज नही करते. आमतौर पर इस तरह के दर्द में लोग दवाओं के आदि हो जाते हैं. जब भी दर्द की अनुभूति होती है तुरंत दवा लिया और राहत मिल गई. क्या कभी आपने सोचा है कि यह आदत आपको बेहद बीमार बना सकती है. भारत जैसे विशाल देश में यह आदत लोगों में आम हो गई है. बिना डॉक्टर की सलाह के किसी भी तरह की एलोपैथिक दवाओं का सेवन शरीर के लिए ख़तरा साबित हो रहा है. एक सर्वे के मुताबिक खाली पेट लिया जाने वाला पेनकिलर टेबलेट पेट में अल्सर जैसे सथियों को उत्पन्न करने के साथ लीवर और किडनी पर बहुत बुरा असर डालते हैं. इसके अलावा इनका साइड इफेक्ट इंसान को आंतरिक तौर पर काफी परेशान करता है.

    डॉ नीतू

    • 6 Years of Experience
    • (BHMS)

    डॉ नीतू होम्योपैथी चिकित्सा से स्नातक हैं. इनके इलाज से घुटना दर्द के हज़ारों मरीज ठीक हुए हैं. इन्हें इस विधा में 5 साल का अनुभव है. होम्योपैथी को लेकर आम समझ यही है कि यह केवल मामूली बीमारियों के उपचार में ही कारगर है. इसके अलावा होम्योपैथी चिकित्सा के

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