इन 10 कारणों की वज़ह से होता है घुटनों में दर्द

इन 10 कारणों की वज़ह से होता है घुटनों में दर्द

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    इन दिनों घुटनों में दर्द की समस्या बड़ी आम हो गई है। आज से कुछ साल पहले की बात करें तो घुटनों में दर्द होने की परेशानी सिर्फ उम्र दराज लोगो में देखने को मिलती थी लेकिन अब यह समस्या इतनी आम हो गई है कि हर उम्र और हर वर्ग के व्यकित में देखने को मिलती है। हाल तो ऐसा हो चुका है कि रोज़मर्रा की ज़िंदगी में 5 में से 2 व्यक्ति ये कहते हुए मिल ही जाते हैं कि ‘घुटनों में दर्द बहुत है’। लेकिन सम्सया इस बात की है की सबको ये तो पता है कि उन्हें घुटनों में दर्द की परेशानी है लेकिन शायद ही कुछ लोग ऐसे हों जिन्हें इस बड़ी परेशानी के पीछे कारण पता होगा। ऐसे में हम आपको बतांएंगे घुटने में दर्द होने के पीछे के 10 कारण..

    मोटापा

    वजह से घुटनों में दर्द होना भी

    इस बात से तो आप सब वाकिफ होंगे कि आपके शरीर का आधे से ज़्यादा भार आपके घुटनों पर होता है। ऐसे में अगर आपका वज़न ज़्यादा है तो आपके घुटनों पर ज्यादा जोर लगना भी लाज़मी है और फिर उसकी वजह से घुटनों में दर्द होना भी।

    व्यवसाय

    आप में से कई लोग ऐसे होंगे जिनका खुद का व्यवसाय होगा और दिनभर घुटने टेककर या पालथी मारकर काम करते रहते होंगे। ऐसे लोगो के घुटनों में दर्द होने का ख़तरा ज्यादा होता है। इस श्रेणी में ज्यादातर कारपेंटर और प्लंबर आते हैं जिनमें घुटने के दर्द की आशंका दूसरों के मुकाबले ज़्यादा होती है। अगर आपको इस समस्या से छुटाकारा चाहिए तो आप फिज़ियोथैरेपी को अपना सकते हैं या फिर एक्सरसाइज़ का भी सहारा ले सकते हैं।

    जिम

    जिम लगातार करते एकदम से छोड़ने के बाद घुटनों में दर्द बढ़ने

    जिम लगातार करते एकदम से छोड़ने के बाद घुटनों में दर्द बढ़ने की सम्सया बढ़ जाती है। इसकी वजह होती है अचानक से घुटनों की एक्सरसाइज़ बंद हो जाना। इसके साथ ही ऐसे लोग जिनकी उम्र 35 साल से ज्यादा होती है और वह जिम में ट्रेडमिल पर दौड़ते हैं, पलथी मारकर बैठते हैं और छलांग लगाने की प्रैक्टिस करते हैं तो इससे उनके घुटने में तकलीफ़ हो सकती है. इसलिए 35 साल की उम्र के बाद एक्सरसाइज़ करते वक़्त सावधानी बरतनी चाहिए।

    पैरों का सीधा ना होना

    ऐसे भी कुछ लोग होंते हैं जिनके पैर हल्के से मुड़े हुए होते हैं,जिसके कारण उनके शरीर का भार घुटने की एक तरफ़ आ जाता है, जो घुटने में दर्द और गठिया का कारण बन सकता है। पैरों की इस समस्या को दूर करने के लिए सर्जरी करवाना एक बेहतर विकल्प माना जाता है। सजर्री करवाने से घुटनों के दर्द में तो आराम मिलता ही है साथ ही गठिया होने की संभावना भी कम होती है।

    इंफेक्शन

    अगर आप टीबी या किसी अन्य बैक्टीरियल इंफेक्शन के शिकार हैं तो आपके घुटनों के डैमेज होने की संभावना बढ़ जाती है। और इस वजह से घुटने में असहनीय दर्द होता है। दर्द के साथ साथ घुटनों में सूजन और अकड़न भी होने लगती है। ऐसे में अगर आपको यह पता लगाना है कि कहीं आपके घुटनां का दर्द किसी इंफेक्शन के कारण तो नहीं है तो आपको ड टेस्ट, एक्स-रे, एमआरआई स्कैन कराना पड़ेगा।

    खेलकूद

    Sport knee pain

    यूं तो खेल कूद से शरीर स्वस्थ रहता है लेकिन क्या आपको पता है कि अगर आप एक ही तरह की एक्टिविटी बार-बार करते हैं तो कार्टिलेज पर दबाव पड़ता है और इस वजह से घुटनों में दर्द बढ़ जाता है। अगर आप खराब सतह या ट्रेडमिल पर दौड़ते हैं तो भी आपको घुटनों में दर्द की शिकायत हो सकती है। इससे बचाव के लिए फिज़ियोथैरेपी और शारीरिक गतिविधियों में बदलाव करना बेहतर होगा.

    इंफ्लेमेशन

    क्या आपको पता है कि रूमेटॉइड आर्थराइटिस, सोरिएटिक आर्थराइटिस ,एंकीलूज़िंग स्पॉन्डिलाइटिस और गठिया के कारण घुटनों में सूजन हो सकती है। हालांकि दवाओं की मदद से इन बीमारियों को ठीक किया जा सकता है, लेकिन अगर घुटने ज़्यादा क्षतिग्रस्त हो जाएं तो सर्जरी के अलावा कोई विकल्प नहीं बचता.

    ट्यूमर

    घुटनों में दर्द का कारण कैंसर पैदा करने वाला ट्यूमर भी हो सकता है। और ट्यूमर से होने वाले घुटनों के दर्द से निजात पाने के लिए एक्स-रे, एमआरआई स्कैन, बायोप्सी और सर्जरी कराने तक की ज़रूरत पड़ सकती है.

    ओस्टियोकॉन्ड्रिटिस डिस्केन्स

     

    जब आपको ओस्टियोकॉन्ड्रिटिस डिस्केन्स होता है तब आपके घुटने के कार्टिलेज खराब हो जाते हैं और वह टुकड़ों में बदल जाते है और फिर ये टुकड़े घुटनों में ही घूमते रहते हैं जिससे घुटने लॉक होने लगते हैं और उसमें दर्द होता है। इलाज के लिए ऑपरेशन कराना पड़ता है, जिसे ऑर्थ्रोस्कोपी कहा जाता है। ओस्टियोकॉन्ड्रिटिस डिस्केन्स के ऑपरेशन में या तो घुटनों में घूम रहे कार्टिलेज के टुकड़ों को बाहर निकाल दिया जाता है या फिर उसे दोबारा फिक्स करके घुटनों को क्लीन किया जाता है।

    ओस्टियोआर्थराइटिस

    जब आपके घुटने का कार्टिलेज के डैमेज हो जाता है और उसकी वजह से घुटनों में दर्द के साथ अकड़न उत्पन हो जाती है तो उसे ओस्टियोआर्थराइटिस कहते हैं। वज़न को नियंत्रित करके, फिज़ियोथैरेपी और दवाइयों की मदद से इस समस्या पर काफ़ी हद तक क़ाबू पाया जा सकता है। आपकी जानकारी के लिए बता दें कि घुटने के डैमेज होने पर घुटने की रिप्लेसमेंट सर्जरी करवाने की भी स्थिति भी पैदा हो सकती है।

    कैसे मिल सकता है घुटनों के दर्द से आराम

    • अक्सर ऐसा होता है कि हम खानें में सही मात्रा में कैल्शियम नहीं लेते जिसकी वजह से घुटनों का दर्द बढ़ जाता है इसलिए कोशिश करें कि खानें में कैल्शियम की मात्रा को बढ़ांए।
    • हो सके तो अपने रोज़ के आहार में दूध से बने हुए प्रॉडक्ट्स, ड्राइ फ्रूट्स हरी पत्तेदार सब्ज़ियों को मिल करें।
    • कोशिश करें कि आपके घुटने लगातार काम में लांए। सिर्फ बैठ बैठकर इन्हें जाम ना करें।
    • अगर आपके घुटनों के दर्द को 2 हफ्ते से ज्यादा समय बीत चुका है तो इसे नज़रअंदाज़ ना करें और ऑर्थोपेडिक सर्जन का परामर्श करें.
    • हो सके को सुबह का कुछ समय धूप में बितांए जिससे शरीर में विटामिन डी की कमी पूरी हो सके। इसके साथ ही अंडों का भी सेवन करें.

    इस वीडियो में आप देख सकते हैं कि कैसे कलौंजीप्राश ने अलग अलग लोगो की ज़िंदगियां आसानी से बदल दी। अगर आप भी अपने शरीर के कम वज़न से परेशान हैं तो कलौंजीप्राश ज़रूर आज़माए। क्या पता अगले वीडियो में अपनी कहानी सुनाने वाले आप ही ना हो।

    डॉ नीतू

    • 6 Years of Experience
    • (BHMS)

    डॉ नीतू होम्योपैथी चिकित्सा से स्नातक हैं. इनके इलाज से घुटना दर्द के हज़ारों मरीज ठीक हुए हैं. इन्हें इस विधा में 5 साल का अनुभव है. होम्योपैथी को लेकर आम समझ यही है कि यह केवल मामूली बीमारियों के उपचार में ही कारगर है. इसके अलावा होम्योपैथी चिकित्सा के

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