घुटने के दर्द में यूनानी उपचार का ऐसा होता है असर

घुटने के दर्द में यूनानी

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    पैरों के बीच मे स्थित जोड़ जिसे हम घुटना भी कहते हैं इसके बिना इंसान चलने तो दूर उठने बैठने तक का सोच भी नही सकता। घुटने दर्द या फिर हड्डियों के किसी भी मर्ज के लिए दुनिया की सबसे अचूक दवा के रूप में यूनानी उपचार काम करता आया है। दुनिया में इस तरह की समस्या से निजात पाने के लिए कई तरह की उपचार सेवाएं मौजूद होने के बावजूद लोग यूनानी की तरफ रुख कर रहे हैं। कमोवेश यह समस्या कई कारणों के चलते शरीर में घर बना लेती है। आज का इंसान भागदौड़ के चलते लगातार अपनी जीवनशैली बदलने को मजबूर हो रहा है

    जीवनशैली में परिवर्तन के चलते खान पान और नीद में लगातार कमी आ रही है। नींद पूरी ना होने के चलते लोग डिप्रेशन का शिकार हो रहे हैं। इसके अलावा मनुष्य की हड्डिया भी कमज़ोर पड़ रही खानपान में बदलाव और भ्रषट जीवनशैली अपनाने के कारण शरीर में यूरिया की मात्रा बढ़ जाती है। शरीर में यरिक एसिड का बढ़ने का अर्थ है धीरे-धीरे मौत की तरफ बढ़ना। एक सर्वे के मुताबिक भारत जैसे विशाल देश में हर चौथा व्यक्ति इस समस्या का शिकार बन चुका है। मोटापा, मधुमेह और अनुवांशिक स्थितियों के अलावा हार्मोनल विसंगति इस तरह की परेशानी का सबब बन जाती है। आज इस लेख के माध्यम से हम आपको यूनानी दवाओं के इस्तेमाल से गठिया या घुटने में दर्द के लाभ और नुकसान के बारे में बताने वाले हैं

    यूनानी दवाओं का घुटने में लाभ

    यूनानी का सीधा संबंध हर्बल से होता है। हर्बल में कैमिकल्स का इस्तेमाल नहीं किया जाता है। गठिया या घुटने दर्द में हकीम के तरह के माजनों के सेवन की सलाह देते हैं। गठिया से पीड़ित मरीज़ को मेथी दाना, सुरंजन और आम पाक जैसी कई तरह के कच्चे हर्बल से तैयार की गई दवाईयां दी जाती है। यूनानी दवाएं मरीज की ठीक प्रकार से जांच करने के पश्चात ही दी जाती है। हर्बल से बनी दवाईयों से ना केवल रोग ठीक होता है बल्कि उसे जड़ से खत्म कर देता है। यूनानी में एक्यू पंचर के माध्यम से गांठो से खराब खून निकालकर भी इलाज किया जाता है। कमोवेश इन दवाईयों के सेवन से शरीर में जमा हुआ यूरिक एसिड पेशाब के माध्यम से बाहर निकल जाता है। हकीम दवा के साथ अनेक तरह के परहेज भी बताते हैं जिससे मरीज़ को बेहतर महसूस होता है।

    घुटने दर्द में यूनानी के नुकसान

    वैसे तो यूनानी या फिर हर्बल दवाओं का किसी भी तरह का साइड इफेक्ट देखने को नही मिलता लेकिन दवा के साथ की गई लापरवाही नुकसान जरूर पहुंचा सकती है। मसलन दवा की मात्रा को हकीम द्वारा बताई गई विधि से इस्तेमाल ना करने से नुकसान हो सकता है। इसके साथ ही दवा की कम या ज्यादा मात्रा भी नुकसान पहुंचा सकती है। सबसे जरूरी इस विधा में परहेज होता है। यदि दवा खाने के समय परहेज ना किया जाय तब भी घुटने दर्द दवाओं का शरीर पर असर नही होता। खासकर खट्टे, मिर्च मसाले वाली चीजों का दवा के साथ इस्तेमाल असर कम कर देता है। जरूरी यह है कि यूनानी का सेवन करने से पहले हक़ीम या चिकित्सक से सारी जानकारी जरूर लें

    डॉ नीतू

    • 6 Years of Experience
    • (BHMS)

    डॉ नीतू होम्योपैथी चिकित्सा से स्नातक हैं. इनके इलाज से घुटना दर्द के हज़ारों मरीज ठीक हुए हैं. इन्हें इस विधा में 5 साल का अनुभव है. होम्योपैथी को लेकर आम समझ यही है कि यह केवल मामूली बीमारियों के उपचार में ही कारगर है. इसके अलावा होम्योपैथी चिकित्सा के

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