सर्वाइकल जैसी गंभीर बीमारी में कारगर हैं ये योगासन

सर्वाइकल जैसी गंभीर बीमारी में कारगर हैं ये योगासन

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    आजकल इस खराब जीवन शैली के कारण शरीर में कई तरह के रोग लग जाते हैं। सर्वाइकल का होना भी खराब जीवनशैली की ही देन है। अक्सर हम घंटो डेस्क पर बैठकर काम करते हैं। इस स्थिति में हमारे गर्दन को आराम मिलना तो लगभग नामुमकिन होता है। जिसके कारण गर्दन में सर्वाइकल का होना स्वभाविक है।

    सर्वाइकल या रीढ़ की हड्डी में दिक्कत होने के कारणों की बात करें तो अक्सर गलत ढंग से बैठना, चोट लगना व मोच आदि के कारण ऐसा होता है। और समय रहते इसका सही उपचार नहीं हुआ तो ये गंभीर बीमारी में बदल सकते हैं।

    सर्वाइकल में राहत पाने के लिए अपनाएं ये योगासान

    सर्वाइकल में राहत पाने के लिए अपनाएं ये योगासान

    योग हर रोग की दवा है। यदि आप भी सर्वाइकल की समस्या से परेशान हैं तो ऐसे में योग ही आपका सच्चा साथी है। तो आज हम आपको गर्दन की हड्ड़ी को स्वस्थ बनाए रखने के कुछ योग बताने जा रहे हैं जिसे आज़माकर आप सर्वाइकल की समस्या से आसानी से बच सकते हैं। तो आइए जानते हैं। सर्वाइकल से छुटकारा पाने के कुछ आसान योग।

    • भुजंगासन- इस आसन को करने के लिए पेट के बल लेट जाएं और पंजो को सीधा कर लें। अब धीरे-धीरे शरीर के अगले हिस्से को ऊपर उठाएं। और थोड़ी देर इसी अवस्था में बने रहें।
      लाभ- भुजंगासन के नियमित अभ्यास से गर्दन और गर्दन दर्द से सम्बन्धित परेशानियां दूर होती हैं| इतना ही नहीं ये पेट के अंगो को भी सुचारू रूप से कार्य करवाने में मदद करता है|
    • मार्जरी आसन- इसे करने के लिए सबसे पहले घुटनों के बल लेट जाएं। अब अपने हाथों को आगे की तरफ़ फर्श पर रखें और शरीर को बीच से ऊपर उठाएं व गर्दन को नीचे की तरफ़ झुकाएं। कुछ देर बाद गर्दन उपर उठा लें। 2 से 3 बार इस प्रक्रिया को दोहराएं।
      लाभ- यह आसन गर्दन के दर्द और रीढ़ की हड्डी के दर्द को ठीक करने का एक अचूक इलाज है। सर्वाइकल के रोगी को रोज़ाना सुबह मार्जरी आसन करना चाहिए। इससे सर्वाइकल के कारण हो रही गर्दन के पीछे दर्द में आराम मिलता है।
    • सेतुबंधासन- इस आसन को करने के लिए सबसे पहले पीठ के बल लेट जाएं। उसके बाद दोनों पैरों को घुटनों से मोड़ें व हाथों को फर्श पर रखें। अब शरीर को धीरे-धीरे ऊपर उठाने की कोशिश करें।
      लाभ- यह आसन गर्दन की मांसपेशियों को मजबूती प्रदान करता है। इतना ही नहीं ये आपके पेट के पाचन क्रिया में भी सुधार लाता है।
    • मत्स्यासन- इसे करने के लिए पीठ के बल लेट जाएं व शरीर के अगले हिस्से को ऊपर की ओर ले जाएं। इस अवस्था में गर्दन को नीचे फर्श के समान्तर ही रखें।
      लाभ- इस आसन को करने से सिर दर्द, गर्दन दर्द, और गले मे अकड़न की समस्या दूर होती है।
    • मत्स्येन्द्रासन- ज़मीन पर बैठकर बाएं पैर को घुटने से मोड़कर बाएं पैर की ऐड़ी को दाएं पैर की जांघ पर रखें। अब दाएं पैर को घुटने से मोडकर बाएं पैर के आगे की तरफ़ रखें। इसके बाद दाएं हाथों को पीठ के पीछे लेजाकर बाएं कमर के पीछे लगा लें। कुछ देर तक इसी मुद्रा में बने रहें।
      लाभ- इस आसन से गर्दन के साथ-साथ रीढ़ की हड्डी की क्रिया भी बेहतर होती है।
    • धनुरासन- इस आसन को करने के लिए पेट के बल लेटकर दोनों पैरों को ऊपर उठाएं। अब हाथों से अपने उठे हुए पैरों के तलवे को पकड़ने की कोशिश करें। जितना हो सके अपने पैरों के बीच फासला बनाएं। कुछ देर तक इसी मुद्रा में बने रहें।
      लाभ- धनुरासन से छाती का दर्द , गर्दन, कंधे का दर्द और सर्वाइकल की जकड़न दूर होती है।

    यदि आप भी सर्वाइकल की समस्या से परेशान हैं तो ऊपर बताए गए कुछ आसान योग आपको सर्वाइकल से तुरंत राहत प्रदान करेंगे।

    डॉ वैशाली

    • 7 Years of Experience
    • (Physiotherapist)

    डॉ वैशाली, योगा, व्यायाम जैसे माध्यम से हड्डियों के रोग का इलाज करती हैं. इन्हें इस विधा में करीब 6 साल का अनुभव है. इनके साथ योग, व्यायाम जैसे तरीके सीखकर देश के हज़ारों मरीज स्वास्थ्य लाभ उठाते हैं. पिछले कई सालों में लगभग हर मरीज डॉक्टर वैशाली के बताए

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