आयुर्वेद से कमर दर्द का इलाज़

आयुर्वेद से कमर दर्द का इलाज़

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    शरीर की हड्डियों का सबसे बीच का भाग जिसपर पूरा शरीर टिका होता होता वह कमर ही होती है. जब कमर में दर्द हो जाता है तब उठाना बैठना भी दूभर लगने लगता है. मसलन इस तरह का दर्द महिलाओं में गर्भावस्था के दौरान, सर्जिकल डिलिवरी, या हार्मोनल विसंगतियों की वजह से भी हो सकता है. आमतौर पर महिलाएं घरेलू कामकाज के चलते कई तरह के झुकाव वाले काम भी करती हैं जिससे मोच आने के कारण भी दर्द बढ़ जाता है.

    पुरुषों में इस तरह के दर्द अधिक खेलकूद, मांसपेशियों में खिंचाव सहित गलत खानपान और दिनचर्या अपनाने के साथ ही आंतरिक रोगों की वजह से भी दर्द की स्थिति उत्पन्न हो जाती है. आधुनिक युग में चिकित्सा क्षेत्र ने कई नए आयाम स्थापित किए हैं लेकिन सबसे पारंपरिक उपचार माध्यम आयुर्वेद से इस तरह के दर्द में कितना आराम मिलता है आज इस लेख के माध्यम से हम आपको बताने जा रहे हैं.

    कमर दर्द में आयुर्वेद चिकित्सा पद्धति के फायदे

    सदियों से आयुर्वेद से इंसान कई तरह के रोगों का इलाज करता आया है. इस माध्यम से कई रोगों पर विजय भी प्राप्त की जा सकी है. कमर दर्द में कुछ जड़ी बूटियों के इस्तेमाल से काफी हद तक राहत मिल सकती है.

    अजवाइन

    अजवाइन

    अजवाइन को वाट और पित्त रोधी औषधि के रूप में सदियों से इस्तेमाल किया जाता रहा है. वात रोग हड्डियों में पहुंचकर दर्द उत्पन्न करने का काम करता है. एक चम्मच अजवाइन को धीमी आंच पर तवे पर हल्का सा भून लें. भूने गए अजवाइन को थोड़ी-थोड़ी मात्रा में चबाते रहें. चबाकर खाने के बाद एक गिलास गुनगुना पानी पी लें और आराम करें. इस तरह एक सप्ताह तक सेवन करने से कमर का दर्द दूर होने लगता है.

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      दशमूल का सेवन

      दशमूल

      दशमूल हड्डियों के लिए अच्छी औषधि मानी जाती है. इसकी एक से दो चम्मच मात्रा को काढ़े के रूप में सेवन करने से हड्डियों को प्रचुर मात्रा में कैल्शियम और खनिज तत्व प्राप्त होते हैं. मसलन कमर दर्द का मूल कारण वात या कब्ज को भी माना जाता है. इस तरह दशमूल को करीब एक महीने तक सेवन करने से दर्द दूर होने लगता है.

      अदरक का सेवन

      अदरक का सेवन

      अदरक एक तरह का प्राकृतिक पेनकिलर मना जाता है. इसका सेवन चाय या काढ़े के रूप में किये जाने से काफी फायदा मिलता है. एक चम्मच शहद के साथ एक चम्मच अदरक मिलाकर रोज सुबह शाम सेवन करने शरीर की हड्डियां मजबूत होती हैं. इसमें प्रचुर मात्रा में कैल्शियम और फास्फोरस पाया जाता है. इसके एक सप्ताह लगातार उपयोग से कमर दर्द में राहत मिलती है.

      आयुर्वेद के नुकसान

      वैसे आयुर्वेद चिकित्सा विधा के कोई ख़ास दुष्परिणाम सामने नही आते लेकिन जब इसके सेवन चिकित्सक की सलाह के बिना किया जाए तब यह शरीर के लिए नुकसान पहुंचा सकता है. अक्सर आपने देखा होगा कि कुछ लोग विज्ञापनों के सहारे कुछ तरह की दवाइयों का सेवन बिना किसी सलाह के लेना शुरू कर देते हैं. इस तरह के प्रयोगों से शरीर को भारी नुकसान होने की आशंका रहती है. व्यक्ति का शरीर और उसकी चिकित्सा स्थिति अलग अलग होती है. जरूरी ही कि जिस व्यक्ति को अमुक दवा से राहत मिली हो उससे हर व्यक्ति को राहत मिल जाए. इसलिए किसी भी दवा के प्रयोग से पहले चिकित्सक की सलाह जरूर लें.

      डॉ विवेक

      • 9 Years of Experience
      • (BHMS)

      डॉ विवेक को होम्योपैथी में स्नातक हैं. इनकी चिकित्सा से देश के हज़ारों मरीज गठिया रोग से निजात पा चुके हैं. डॉ विवेक को इस क्षेत्र में 8 साल का अनुभव है. डॉ विवेक का कहना है कि होम्योपैथी चिकित्सा पद्धति समरूपता के सिद्धांत (like cures like) पर काम करती

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