बढ़ते डिजिटल संसार में इंसानी शरीर कई तरह के तनाव झेलता रहता है. रोजमर्रा की व्यस्त हो चुकी जीवन शैली में दबाव झेलने वाले अंगों में आपके कंधे सबसे ज्यादा प्रभावित होते हैं. मानव अंग भी एक चलते-फिरते मशीन की तरह ही है जो दिनभर सक्रिय होकर अपनी दिनचर्या निपटाता रहता है. इतने संघर्षों के बाद भी कभी भी इंसान की चाहत कम नही होती. काफी देर तक गाड़ी में बैठना या ड्राइव करना या फिर दिन भर कंप्यूटर के सामने बैठे रहने से कंधों का दर्द स्वाभाविक रूप से बढ़ ही जाता है. कमोवेश कुछ योगासन से कंधों के दर्द से निजात पाई जा सकती है.
गरुणआसन
अपने घुटनों को मोड़े और बाएँ पैर को उठा कर दाहिने पैर के ऊपर घुमा लें. धीरे-धीरे हाथों को इस तरह घुमाएँ की हथेलियाँ एक दुसरे के सामने आ जाएँ. इस आसन से हड्डियों के जोड़ों में मजबूती आती है और मांशपेशियों में खिंचाव समाप्त हो जाता है.खासतौर पर सुबह के समय यह आसन करने से भरपूर मात्रा में विटामिन डी मिलती है जो हड्डियों के लिए ख़ासा लाभदायक होती है.
हमारे डॉक्टर से सलाह लें
धनुरासन
इस योग को करने के लिए सबसे पहले पेट के बल लेट जाएं. सांस छोड़ते हुए घुटनों को मोड़े और अपने हाथ से टखनों को पकड़े रखे. सांस लेते हुए आप अपने सिर, छाती एवं जांघ को ऊपर की ओर उठाएं. अपने शरीर के लचीलापन के हिसाब से आप अपने शरीर को और ऊपर उठा सकते हैं. शरीर के भार को पेट निचले हिस्से पर लेने की कोशिश करें. धनुरासन गर्दन, छाती और कूल्हों की मांसपेशियों में खिंचाव लाकर रक्तसंचार बढ़ा देता है. इस आसन से कूल्हों और कंधे की हड्डियों में मजबूती आती है.
उष्ट्रासन
सबसे पहले घुटने के सहारे बैठ जाएं और कुल्हे पर दोनों हाथों को रखें. गर्दन पर बिना दबाव डालें बैठे रहें. इसी स्थिति में कुछ देर तक धीमी सांसे लेते रहे. सांस छोड़ते हुए अपने प्रारंभिक स्थिति में वापस आ जाएं. इस आसन या योग के बहुत से शारीरिक लाभ होते हैं. यह पीठ, रीढ़ की हड्डियों के जोड़ों को मजबूती प्रदान करता है. इस आसन को नियमित तौर पर करने से शरीर में मौजूद सभी हड्डियाँ और जोड़ मजबूत हो जाते हैं.