योगासन के कुछ उपाय दूर कर सकते हैं कूल्हे दर्द की समस्या

योगासन के कुछ उपाय दूर कर सकते हैं कूल्हे दर्द की समस्या

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    दुनिया से एक कदम आगे निकलने की चाहत ने इंसान की जीवनशैली बिगाड़कर रख दी है। जीवनशैली में लगातार परिवर्तन और खान पान की अनियमितता के चलते इंसान की पीठ और कूल्हे की हड्डियों में कठोरता आ जाती है। कठोरता की वजह से कूल्हे के जोड़ों में बेहतर रक्तसंचार और ऊर्जा का प्रवाह अवरुद्ध हो जाता है जिसके फलस्वरूप कूल्हे में दर्द की समस्या उत्पन्न हो जाती है। नींद में लगातार कमी के चलते लोग मानसिक अवसाद की ऐसी अवस्था मे पहुंच जाते हैं जिससे हड्डियों का जोड़ प्रभावित होता है। हड्डियों को लचीला बनाने और मन को सकारत्मकता देने के लिए योगासन एक महत्वपूर्ण उपाय है। कूल्हे दर्द में योग के तहत कुछ ऐसे उपाय हैं जिनका पालन करने से इंसान ऐसी समस्या से छुटकारा पा सकता है।

    पूर्वोत्तानासन योग के कूल्हे दर्द में फायदे

    पूर्वोत्तानासन योग के कूल्हे दर्द में फायदे

    जमीन पर एक चटाई बिछाएं। चटाई या मैट पर बैठ जाएं। बैठने के साथ ही सावधान मुद्रा में दोनों पैरों को आगे की तरफ फैला लें। ध्यान रहे इस स्थिति में रीढ़ की हड्डी 90 डिग्री का कोण बनाती रहे। अब दोनों हाथों को हिप के पास बगल में समानांतर ले जाएं। धीरे-धीरे हाथों के माध्यम से हिप को हल्का उपर उठाते हुए नाक से सांस ऊपर खिंचे। धीरे-धीरे हिप या कूल्हे को हाथों के बल पर नीचे की तरफ ले आएं। कूल्हे के नीचे आते ही नाक द्वारा सांस को धीरे-धीरे बाहर छोड़ें। यह आसन करीब 8 से 10 बार करें। कूल्हे दर्द में योग के तहत इसका प्रयोग हड्डियों को लचीला बनाता है। यह आसन खाली पेट सूर्योदय के समय किया जाना काफी लाभप्रद माना जाता है। इसके निरंतर प्रयोग से नेचुरल कैल्शियम की आपूर्ति तो होती ही है अपितु मानसिक शांति भी प्राप्त होती है।

    पश्चिमोत्तासन दूर भगाए कूल्हे की समस्या

    पूर्वोत्तानासन योग के कूल्हे दर्द में फायदे

    नित्य क्रिया से निवृत्त होने के उपरान्त जमीन पर बैठकर इस आसन को करना काफी लाभदायक सिद्ध होता है। जमीन पर बैठकर दोनों पैरों को सीधा फैला लें। ध्यान रखें कि इस दौरान दोनों पैर मुड़ने नही चाहिए। रीढ़ की हड्डी को सीधा रखें। सावधान मुद्रा में हाथों को पैर के सामने ऊपर की तरफ फैलाएं। हाथों से पैर के अंगूठे को छूने की कोशिश करें। ऐसा करते समय नाक द्वारा सांस को ऊपर की तरफ खींचे और पैरों के अंगूठे छूने के बाद वापस लौटने की क्रिया में सांसों को हल्का छोड़े। इस तरह पैरों को फैलाये रखें। अब 45 डिग्री का कोण बनाते हुए सिर को नाभि तक ले जाने की कोशिश करें। ऐसा 10 बार तक दोहराते रहें। ऐसे योग के दौरान कूल्हे में खिंचाव महसूस होगा जिसके चलते कूल्हे की हड्डियों में रक्त संचार की वृद्धि होगी और नए ऊतकों के निर्माण के साथ ही फ्लूड की मात्रा का भी विकास होना शुरू हो जाएगा। कूल्हे दर्द के योग में इस आसन को नियमित तौर पर करने से दर्द की स्थिति से छुटकारा प्राप्त होता है और हड्डियों में लचीलापन भी आता है।

    सुखासन से दूर करें कूल्हे का दर्द

    सुखासन से दूर करें कूल्हे का दर्द

    कूल्हे के बल जमीन पर बैठ जाएं। अब रीढ़ की हड्डी को 90 डिग्री पर सावधान मुद्रा में रखें। ध्यान रहे इस मुद्रा में कंधे बिल्कुल तने रहने चाहिये। अब पैरों को मोड़ कर बैठ जाएं। नाक से गहरी सांस अंदर की तरफ खींचें। सांस छोड़ते हुए कमर आगे की तरफ झुककर आगे की तरफ बढ़ जाएं। अब कमर की हड्डी को सीधा रखते हुए शरीर गर्दन को दाएं और बाएं मोड़ें। अब गहरी सांस लें और थोड़ी देर के लिए गर्दन को ऊपर की तरफ ले जाएं। सांस छोड़ते हुए शरीर को नीचे की तरफ कमर को झुककर सांस छोड़ें। ऐसा करीब 4 से 5 बार रोज दोहराएं। इस आसन के दौरान आपके कूल्हे और पीठ की मांसपेशियों में खिंचाव होता है। खिंचाव के दौरान हड्डियों में लचीलापन आता है और जोड़ों को भरपूर ऊर्जा प्राप्त होती है। कूल्हे दर्द के लिए योग में यह योगासन हिप की हड्डियों को मजबूती प्रदान तो करता ही है अपितु इसके नियमित प्रयोग से वात पित्त जैसे रोग भी जड़ से समाप्त हो जाते हैं।

    स्कन्धरासन योग दिलाए कूल्हे दर्द से मुक्ति

    स्कन्धरासन योग दिलाए कूल्हे दर्द से मुक्ति

    पीठ के बल जमीन या चटाई पर सीधा सावधान मुद्रा में लेट जाएं। दोनों हाथों को अपने पास ही फैला लें। अब दोनों पैरों को उपर की तरफ उठाकर मोड़ें। पैरों को हाथों से पकड़ कर हल्की सांस लेकर छोड़ें। इस दौरान कूल्हे और पीठ को यथासंभव ऊपर उठाने का प्रयास करें। इस स्थिति में जितना देर हो सके सांस को रोक कर रखें। थोड़ी देर बाद एड़ियों को आजाद कर दें और पैरों को नीचे लाकर सांस छोड़ें। ऐसा करीब 5 से 6 बार दोहराएं। यह आसन कूल्हे के दर्द में राहत तो देता है है बल्कि कंन्धे दर्द की समस्या से भी निजात दिलाता है। सुखासन या पद्मासन एक ऐसा योग है जिससे हड्डियों को भरपूर मात्रा में प्राकृतिक कैल्शियम की आपूर्ति होती है। इस योग से हड्डियों में लचीलापन आता है और जोड़ों को नई ऊर्जा के साथ ऊतकों का विकास भी होता है। ध्यान रहे ज्यादा दर्द के दौरान ऐसे आसनों से बचना चाहिए क्योंकि कूल्हे पर जोर पड़ने से दर्द और भी तीव्र हो सकता है।

    कूल्हे दर्द में योगासन संबंधित जरूरी सुझाव

    ऊपर बताए गए कूल्हे दर्द के योग वास्तव में बहुत ही असरदार होते हैं। इसके अलावा स्ट्रेचिंग भी की जा सकती है। हल्की साइकलिंग की कोशिश भी हड्डियों को लाभ पहुंचाती है। कूल्हे में दर्द के दौरान ज्यादा देर तक योग या व्यायाम करने से बचने की जरूरत होती है क्योंकि मांसपेशियों में खिंचाव जैसी स्थिति दर्द को बहुत ज्यादा बढ़ा देती है। योग से मानसिक शांति भी प्राप्त होती है। मानसिक शांति से नींद की समस्या से राहत मिलती है और अवसाद से छुटकारा प्राप्त होता है। वास्तव में ऊपर दिए गए योग को जीवन मे उतारकर कूल्हे दर्द जैसी समस्याओं से काफी हद तक बचा जा सकता है।

    डॉ वैशाली

    • 7 Years of Experience
    • (Physiotherapist)

    डॉ वैशाली, योगा, व्यायाम जैसे माध्यम से हड्डियों के रोग का इलाज करती हैं. इन्हें इस विधा में करीब 6 साल का अनुभव है. इनके साथ योग, व्यायाम जैसे तरीके सीखकर देश के हज़ारों मरीज स्वास्थ्य लाभ उठाते हैं. पिछले कई सालों में लगभग हर मरीज डॉक्टर वैशाली के बताए

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