इंसानी काया में जोड़ों का अपना अलग ही महत्व होता है. हड्डियों में बने जोड़ हिलने, डुलने और उठने बैठने के साथ चलने और दौड़ने सबमें साथ देते हैं. यदि इन्ही में दर्द की अनुभूति हो रही हो तो सोचिये कितना कष्टकारी होगा. मसलन चोट, मोच या फिर बिगड़े खानपान के चलते प्रभावित होने वाले जोड़ों के दर्द में कई तरह की औषधीय प्रयोग में लाइ जाती है लेकिन इन सबसे इतर योगा एक ऐसा साधन है जो जोड़ों में उठ रहे दर्द को जड़ से उखाड़ फेंकता है. इस लेख के माध्यम से आज हम आपको कुछ योगासनों के बारे में बताएँगे जिनके नियमित प्रयोग से शरीर स्वस्थ तो रहेगी बल्कि जोड़ों का दर्द काफूर हो जाएगा.
त्रिकोणासन
यह आसन हड्डियों को मजबूत और लचीला बनाने के लिए किया जाता है. इस आसन से घुटने, टांग और हतेलियों की जड़ें मजबूत होती हैं. इस योगा से कमर, गर्दन सहित नितम्बों की नशों में खिंचाव लाकर रक्तसंचार बढ़ा देता है जिससे जोड़ों के दरदर में राहत मिलती है.
वीर भद्रासन
इस योग के तहत पहले अपने दोनों पैरों को कुछ दूरी तक फैला लें और अपने बाएं पैर को बाईं ओर घुमाए, इसके बाद अपने बाएं घुटने को 90 डिग्री तक घुमाएं, और ध्यान दें की आपका घुटना पैरों की ऊँगली को पार ना कर पाए. अंत में नमस्ते की स्थिति में अपने हांथों को सिर के ऊपर घुमाएं और पीठ को थोड़ा खिंचाव दें. इस आसन से कमर, हाँथ, पैरों सहित शरीर की हड्डियाँ मजबूत होती हैं.
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सेतुबंध आसन
यह आसन इंसान की मानसिक तंत्रिका को मजबूती प्रदान करता है. इससे हड्डियों सम्बंधित विकार नष्ट होने लगते हैं. इस आसन के बारे में यहाँ तक कहा जाता है कि इसके नियमित प्रयोग से शरीर की मांशपेशियों में रक्त संचार की स्थिति सामान्य हो जाती है. इस तरह सेतुबंध आसन करने से जोड़ों का दर्द दूर होने लगता है.
सिद्धासन
सिद्धासन योग सभी आसनों में सर्वश्रेष्ठ माना जाता है. इसे करने से शरीर की एकाग्रता बढ़ जाती है. हड्डियों को यह योग प्रचुर मात्रा में कैल्शियम और खनिज तत्व प्रदान करता है. इसके नियमित प्रयोग से शरीर में मौजूद सभी तरह के हड्डियों सम्बंधित विकार नष्ट हो जाते हैं और इंसान स्वस्थ हो जाता है.