जानिए उंगली दर्द में होम्योपैथी उपचार कितना है कारगर

उंगली दर्द में होम्योपैथी

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    उंगली दर्द में होम्योपैथी उपचार माध्यम कितना कारगर है यह जानकारी बेहद महत्वपूर्ण है। आज के दौर में जर्मन तकनीक द्वारा विकसित इस उपचार माध्यम का प्रयोग पूरी दुनिया बड़े व्यापक पैमाने पर कर रही हूं। एक तरफ जहां फौरी राहत वाली आधुनिक दवाओं के जमकर इस्तेमाल से लोगों को भयानक साइड इफेक्ट का सामना करना पड़ रहा है तो दूसरी तरफ ऐसी दवाइयां साइड इफेक्ट को काफी हद तक कम करने का दावा करती हैं। वैसे आज के दौर में खान पान की विकृति के चलते हड्डियों के जोड़ों में यूरिक एसिड का जमाना एक साधारण प्रक्रिया का हिस्सा हो चला है।

    एक जमाना था जब गठिया और अर्थराइटिस जैसे रोग बुढ़ापे में होने वाली समस्या के तौर पर जाने जाते थे लेकिन बदलते आधुनिक जीवनशैली ने इंसान की हड्डियों पर बेहद प्रतिकूल असर डाला है। बात उंगली से संबंधित रोगों का इलाज होम्योपैथी से करें तो यह लेख आपको बहुत सी ऐसी जानकारी देगा जिससे आपको पता चलेगा कि आखिर कितना फायदेमंद है होम्योपैथी उपचार विधा।

    होम्योपैथी उपचार और उंगली दर्द में उसके फायदे

    जर्मन तकनीक से विकसित उपचार माध्यम होम्योपैथी का नाम सामने आते ही लोगों को लगता है कि यह कोई नुस्खा या घरेलू उपाय है। कमोवेश यह तथ्य सही नही है। जर्मन तकनीक से कई द्रव्यों द्वारा तपाकर तैयार की गई इन दवाओं का दुनिया भर में हड्डी रोगों के इलाज के लिए तेजी से चलन में आया है। दरअसल उंगली दर्द से परेशान मरीज के मर्ज की क्या वजह है? क्या वह सामान्य परिस्थितियों वाला दर्द है? या फिर किसी गंभीर मर्ज के कारण दर्द उत्पन्न हो रहा है, यह बात चिकित्सक जांच के बाद ही तय कर पाता है। होम्योपैथी में मरीज को उम्र के हिसाब से कुछ द्रव्यों को पानी मे मिलाकर पीने के साथ ही शुगर कैंडी की कुछ डिब्बा बंद छोटी गोलियों में दवा मिलाकर खाने के लिए दिया जाता है।

    इन दवाओं का इस्तेमाल और मात्रा मरीज की मौके की स्थिति क्या है तह जानकर दी जाती है। हालांकि इस उपचार में मरीज का इलाज बेहद लंबा चलता है। यह 1 महीने से लेकर ताउम्र तक चलने वाला उपचार माध्यम है। इसके उपचार का सबसे बड़ा सकारात्मक पहलू परहेज होता है। यदि मरीज दवा के साथ चिकित्सक द्वारा बताई गई चीजों का परहेज नही करता तो दवाओं का शरीर पर असर ना के बराबर होता है।

    कई शोधों पर आधारित एक खबर के मुताबिक होम्योपैथ चिकित्सा विज्ञान में आधुनिक दवाओं का साइड रोकने की क्षमता होती है। उंगली दर्द में कई बार स्थिति के हिसाब से कुछ द्रवों द्वारा मसाज के लिए भी कहा जाता है। हालांकि इस तरह की उपचार विधा काफी लंबी चलती है जिसमें मरीज और रोगी दोनों को धैर्य की जरूरत होती है लेकिन सटीक उपचार के बाद काफी राहत भी देखी गई है। एक होम्योपैथी चिकित्सक मरीज की मौके की स्थिती और रोग के आधार पर सबसे पहले वैसे ही रोग के लक्षण प्रकट होने वाली दवाओं के सेवन की सलाह देते हैं। यदि मरीज के उंगली में दर्द और सूजन है और उसकी वजह से परेशानी हो रही है तब चिकित्सक उसी मर्ज को उभारने वाली दवाओं के सेवन की सलाह देंगे। यदि दवा के सेवन के साथ ही अमुक रोग के लक्षण प्रकट होते हैं तब दवा से मर्ज के ठीक होने के चांसेज बढ़ जाते हैं।

    होम्योपैथी चिकित्सा संबंधित जटिलताएं

    उंगली दर्द का होम्योपैथी दवा के रूप में इस्तेमाल की जाने वाली इस विधा की कुछ जटिलताएं भी होती हैं। इस बात में दम है कि हड्डियों से यूरिक एसिड बाहर निकलकर मांसपेशियों को मजबूत बनाने का काम होम्योपैथी करता है लेकिन इसकी विसंगतियों के बारे में जानना भी जरूरी है। होम्योपैथी एक आइए उपचार विधा है जिसके साथ यदि चिकित्सक द्वारा बताई गई सावधानी या फिर परहेज ना बरता जाए तो ऐसी दवाइयां किसी काम की नही होती। मरीज चाहे कई साल तक इस दवा का प्रयोग करे फिर भी परहेज के अभाव में दवा का असर नही होता। यदि आपको किसी कारणवश उंगली में तेज दर्द हो रहा हो तो इस स्थिति में ऐसी दवाओं का असर नही होता। कुल मिलाकर उंगली दर्द के समय होम्योपैथी दवाएं फौरी राहत देने में नाकाम होती हैं। इस उपचार माध्यम में शल्य चिकित्सा का कोई भी साधन मौजूद नही होता। होम्योपैथी उपचार माध्यम में कैल्शियम की आपूर्ति करने का माद्दा भी नही होता। कि बार उंगली की या हड्डियों से संबंधित परेशानी कुपोषण या फिर शरीर मे कैल्शियम की भारी कमी की वजह से भी हो जाती है। इस तरह की कमी को इस उपचार माध्यम द्वारा ठीक नही किया जा सकता।

    उंगली दर्द में होम्योपैथी दवा के इस्तेमाल संबंधित जरूरी सलाह

    मरीज को यह बात हमेशा याद रखनी चाहिए कि जब भी वह दवाओं का इस्तेमाल करें तब चिकित्सक की सलाह पर ही करें। होम्योपैथी दवाओं का रिएक्शन आधुनिक दवाओं के साथ बहुत ही तेजी से होता है। यदि किसी वजह से मरीज को होम्योपैथी चिकित्सा के दौरान एलोपैथी दवाओं के इस्तेमाल की जरूरत पड़े तब तुरंत अपने चिकित्सक की सलाह लें। यदि बिना पूछे दवाइयों का सेवन किया गया तो वह जीवन के लिए घातक साबित हो सकता है।

    डॉ विवेक

    • 9 Years of Experience
    • (BHMS)

    डॉ विवेक को होम्योपैथी में स्नातक हैं. इनकी चिकित्सा से देश के हज़ारों मरीज गठिया रोग से निजात पा चुके हैं. डॉ विवेक को इस क्षेत्र में 8 साल का अनुभव है. डॉ विवेक का कहना है कि होम्योपैथी चिकित्सा पद्धति समरूपता के सिद्धांत (like cures like) पर काम करती

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