हर्बल उपचार की यूनानी दवा पैर दर्द का दे सकती है स्थाई समाधान

पैर दर्द में यूनानी

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    हर्बल का नाम आते ही मन मे प्रकृति की तरफ आकृष्ट होना स्वाभाविक है। पैर दर्द की यूनानी दवा से वास्तव में स्थाई समाधान प्राप्त किया जा सकता है। पैर की हड्डियां मुख्यतः 3 लेयर से जुड़ी होती हैं। दुर्घटना या फिर साधारण चोट के दौरान ऊपरी परत में क्षति से प्लाज्मा में मौजूद नर्म ऊतकों को नुकसान पहुंचता है। इंसान इसे हल्की चोट मानकर फौरी राहत देने वाली दवाओं के माध्यम से कुछ दिनों के लिए तो ठीक कर लेता है लेकिन उसकी यही आदत आगे चलकर उसे अपंगता जैसी स्थिति में पहुंचा देती है। हड्डियों के इस तरह के चोट मौसम के बदलाव के साथ कई तरह की जटिलताओं को अपने साथ लेकर आते हैं। ऐसी ही चोट आगे चलकर मांसपेशियों के संक्रमण का कारण बनकर गठिया या फिर अर्थराइटिस का रूप धारण कर लेती है। हालांकि सामान्य परिस्थितियों में होने वाला दर्द स्वतः समाप्त हो जाता है।

    गलत खानपान और गलत दवाओं के सेवन से उपजी जटिलताओं के चलते इंसान को भारी नुकसान हो सकता है। दुनिया मे कई उपचार माध्यम की दवाएं उपलब्ध हैं जिनसे पैर के दर्द का उपचार होता है। इन्हीं में यूनानी भी एक विधा के रूप में शामिल है। यूनानी दवा किस तरह ऐसी समस्याओं में लाभ दे सकती है, यह इस लेख के माध्यम से जानने जी कोशिश करेंगे और साथ ही पैरों की समस्या से सम्बंधित जटिलताओं के बारे में भी चर्चा करेंगे।

    पैर दर्द से सम्बंधित प्रमुख जटिलताएं

    ज्यादा देर तक एक जगह खड़े होकर दैनिक क्रिया करने से लेकर खेल के दौरान या दुर्घटना के समय चोट, मोच पैरों के दर्द को सामान्य से लेकर जटिल स्थितियों में पहुंचा सकते हैं। तेज चोट से होने वाला फ्रैक्चर काफी खतरनाक होता है। कुछ स्थिति में तो हड्डियों को जोड़ने के लिए प्लास्टर चढ़ाकर जोड़ दिया जाता है। प्लास्टर एक लेयर हड्डी की प्लेटों के टूटने के बाद लगता है जिसे आम बोलचाल की भाषा में हल्का फ्रैक्चर कहते हैं। इस दौरान हड्डी में मौजूद टिस्यू को जोड़ने का काम किया जाता है, जो पहले की तरह काम करना शुरू कर देती हैं। हालांकि प्लास्टर कितने कुशल चिकित्सक द्वारा लगाया या चढ़ाया गया है यह सबसे महत्वपूर्ण होता है। इसके अलावा 2 या तीनों लेयर के टूटने या विच्छेदित जो जाना काफी कष्टकारक होता है। इसे शल्य क्रिया से लोहे की मजबूत रॉड को डालकर मांसपेशियों के साथ पुनर्स्थापित तो कर दिया जाता है, लेकिन यह कुछ दिनों या सालों बाद किसी ना किसी रूप में दर्द के रूप में बदल सकता है। इसके अलावा खान पान और खराब जीवनशैली इंसान को बिना किसी चोट के भी अपंग बना सकने में सक्षम होती है। खान पान या आहार में प्रदूषण या गुणवत्ता से समझौता इंसान को हड्डी से संबंधित रोगों में जटिल स्थिति में पहुंचा देता है।

    पैर दर्द की यूनानी दवा के लाभ

    यदि ऐसा कहें कि हड्डियों से संबंधित रोगों का सटीक और स्थाई समाधान यूनानी में ही निहित है तो अतिशयोक्ति ना होगी। यह बात दुनिया के कई शोधों में खुलासे के बाद कही जा रही है। दुनिया में पैर के दर्द की यूनानी दवा का सीधा संबंध हर्बल से होता है। हर्बल ऐसी विधा होती है जिसमें केमिकल का प्रयोग ना के बराबर किया जाता है। चोट या मोच के दौरान होने वाले दर्द में हकीम या चिकित्सक कई तरह के हर्बल माजूनों के सेवन की सलाह देते हैं। मसलन मेथी दाना, सुरंजन और आम पाक जैसी कई तरह के कच्चे हर्बल से तैयार दवाएं मरीज को दी जाती हैं जिनका असर बेहद असरदार होता है। यूनानी दवाएं मरीज के उम्र और मौजूदा परिस्थितियों के मुताबिक सेवन के लिए दी जाती हैं। जड़ी बूटी या यूं कहें कि हर्बल से तैयार दवाएं मरीज के दर्द को ठीक तो करती ही हैं यूनानी विधियों में कई बार मरीज के घुटनों या फिर पैरों की गाठों से खून निकालकर रक्त साफ करने की भी प्रक्रिया होती है। यूनानी दवाओं का असर एक निश्चित समय में होने लगता है। अक्सर ऐसी दवाइयां 2 से 3 सप्ताह बाद रोग पर प्रभावी होना शुरू हो जाती हैं। मसलन ऐसी दवाओं से शरीर मे मौजूद यूरिक एसिड या अवशिष्ट पदार्थ पेशाब या पसीने के माध्यम से बाहर निकल जाता है और गठिया रोग से निजात मिल जाती है। हकीम दवा के साथ कई तरह के परहेज भी बताते हैं जिसको अपनाकर मरीज खुद को हल्का ओर बेहतर महसूस करते हैं। यूनानी दवाओं की सबसे बड़ी खासियत यह होती है कि इनका शरीर पर किसी भी तरह का कोई साइड इफेक्ट नही होता। यूनानी उपचार में मरीज को दर्द कम करने के लिए अखरोट या अदरक पर आधारित शोधित देशी और हर्बल आधारित दवाओं के सेवन की सलाह दी जाती है। कई हर्बल जड़ी बूटियों द्वारा तैयार किये गए सुरंजनों से काफी हद तक दर्द से राहत मिलती है। गठिया जैसे उपचार में इस तरह की दवाओं का इस्तेमाल मरीज को मर्ज से स्थाई समाधान दिलाने में काफी कारगर होता है।

    पैर दर्द की यूनानी दवा से संबंधित जरूरी सुझाव

    वैसे तो यूनानी एक ऐसा हर्बल उपचार है जो हड्डियों को मजबूती प्रदान करता ही है बल्कि अन्य दवाओं की तरह किसी भी तरह का दुष्परिणाम नही छोड़ता। यूनानी दवाओं की जटिलता यह है कि अधिक दर्द के दौरान ऐसी दवाओं का असर शरीर पर नही होता। इसके अलावा परहेज ना करने पर दवाओं का शरीर पर अनुकूल असर भी नही होता। यदि आप यूनानी दवा का इस्तेमाल कर रहे हैं तो चिकित्सक द्वारा बताए गए परहेज का पालन अवश्य करें। इसके अलावा इस तरह की दवाओं के साथ अन्य दवाओं के इस्तेमाल से पहले चिकित्सक की राय जरूर ले लें।

    डॉ नीतू

    • 6 Years of Experience
    • (BHMS)

    डॉ नीतू होम्योपैथी चिकित्सा से स्नातक हैं. इनके इलाज से घुटना दर्द के हज़ारों मरीज ठीक हुए हैं. इन्हें इस विधा में 5 साल का अनुभव है. होम्योपैथी को लेकर आम समझ यही है कि यह केवल मामूली बीमारियों के उपचार में ही कारगर है. इसके अलावा होम्योपैथी चिकित्सा के

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