हर बार सामान्य नहीं होता पीठ का दर्द, यूनानी दवा से इलाज हो सकता है बेहद कारगर

पीठ के दर्द में यूनानी

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    पीठ का दर्द यूनानी दवा वाकई हड्डियों के दर्द में बेहद लाभदायक होते हैं। वैसे तो पीठ में इस तरह के दर्द बेहद सामान्य होते हैं जो हल्की चोट या दबाव के बाद आरम्भ हो सकते हैं। ज्यादा देर तक झुककर बैठने की आदत या फिर झुककर खड़े होने की लत पीठ में रक्त संचार कम कर दर्द का कारण बन सकती है। हालांकि ऐसी परिस्थितियों में हल्का मसाज त आदत में सुधार के साथ ही दर्द में राहत प्राप्त हो जाती है। सामान्य स्थिति वाले दर्द समय पर उपचार के बाद ठीक होने लगते हैं लेकिन अक्सर इस तरह के दर्द की अनदेखी करना भारी पड़ सकता है। पीठ की संरचना ऐसी होती है जो हड्डियों के अलग- अलग कण्डरा या पिंडलियों से आपस में जुड़ी होती है। रीढ़ की हड्डी में मौजूद प्लेट में किसी भी वजह से आई विषमता से भी ऐसी समस्या उत्पन्न होने लगता है।

    पीठ पर भारी वजन उठाने या फिर लगातार बोझ ढोने वाले लोगों में यह समस्या बेहद आम रूप धारण नर लेती है। दुनिया में वैसे तो कई उपचार माध्यमों से इस तरह के दर्द का इलाज किया जाता है लेकिन हर्बल पर आधारित यूनानी दवा के पीठ दर्द में क्या फायदे होते है, और इसकी जटिलताएं क्या होती हैं इस बात की चर्चा आवश्यक है। इस लेख के माध्यम से हम कुछ ऐसे बिंदुओं पर चर्चा करने वाले हैं।

    पीठ के दर्द से संबंधित जटिलताएं

    शरीर हड्डियों का ऐसा जाल होता है जिसके बिना शरीर की संरचना का निर्माण की कल्पना भी बेमानी होती है। पीठ शरीर का ऐसा भाग होता है जिसकी संरचना में सीने की हड्डियों का अहम रोल होता है। पीठ की पिंडलियों का सीधा संबंध हृदय और फेफड़ों के अलावा रीढ़ की हड्डी जुड़ा होता है। रीढ़ की हड्डी में किसी भी वजह से लगी चोट पीठ दर्द की वजह बन जाती है। हड्डियों की मांसपेशियों में चोट या लिगामेंट में सूजन के चलते जोड़ों में मौजूद ऊतकों में खिंचाव का अहसास होता है। पीठ की समस्या के चलते इंसान की जीवनशैली काफी प्रभावित होती है। कई बार चोट लगने के कुछ दिन बाद दर्द का उभार होता है। इस तरह के दर्द कई रूपों में अलग- अलग रोगों की वजह बन सकते हैं। पीठ की समस्या वैसे तो कई रोगों का जनक होती है लेकिन ट्यूबरक्लोसिस या गांठ का बनना बेहद खतरनाक स्थिति होती है। इस तरह के मर्ज में इलाज काफी लंबा चलता है। रोग की मौजूदा स्थिति पर यह बात ज्यादा लागू होती है।

    पीठ का दर्द यूनानी दवा के लाभ

    पीठ का दर्द यूनानी दवा वास्तव में बेहद लाभ वाली चिकित्सा मानी जाती है। यूनानी हड्डियों के रोगों को जड़ से समाप्त करने की कूबत रखती है यह कहना कतई गलत नही होगा। वैसे यह बात कई स्वास्थ्य शोधों में सिद्ध हो चुकी है। यूनानी एक ऐसी हर्बल आधारित चिकित्सा व्यवस्था है जिसके दुष्परिणाम ना के बराबर होते हैं। पीठ में दर्द के दौरान चिकित्सक इंसान की मर्ज के लिहाज से इलाज या उपचार करना आरम्भ करता है। इलाज के दौरान उम्र का भी ख्याल रखा जाता है। यदि दर्द हल्की चोट या मोच की वजह से है तब मेथी दाना से बनाते पेस्ट को लगाने जी सलाह दी जा सकती है। इसके अलावा भी कुछ हर्बल आधारित कैप्सूल या टेबलेट के साथ तेल मालिश की सलाह दी जाती है। आम तौर पर एक या दो सप्ताह इलाज के बाद दर्द में लाभ मिलना शुरू होने लगता है। यदि दर्द बढ़ती उम्र के लिहाज से हो रहा हो तब हकीम शरीर में कैल्शियम की मात्रा बढ़ाने वाली दवाओं के सेवन की सलाह देते हैं। बढ़ती उम्र के साथ हड्डियों का कठोर होना स्वाभाविक होता ही है बल्कि उम्र के साथ हड्डियों में कैल्शियम की जरूरी आपूर्ति बाधित हो जाती है। इसके अलावा सबसे जटिल रोग कफ जमने या फिर ट्यूबरक्लोसिस जैसे रोगों में होती है।

    इस रोग से हड्डियों की मांसपेशियों में मौजूद नर्म ऊतकों और फ्लूड को कीड़े या बैक्टीरिया खाना या चाटना शुरू कर देते हैं। यदि समय से यूनानी चिकित्सा की दवाएं इस तरह के रोगियों पर आजमाई जाएं तो उपचार काफी आसान हो जाता है। यूनानी दवाओं का असर शरीर पर तभी होता है जब दवा के साथ बताये गए परहेजों को अमल में लाया जाए। अधिक खट्टे या तीखे लाल मिर्च जैसे खाद्य पदार्थ हड्डियों के लिए दुश्मन का काम करते हैं। हड्डियों में मौजूद यूरिक एसिड से जमाव पैदा कर रहे निकिल जैसे तत्वों को बाहर निकालने के लिए यूनानी दवाएं काफी असरदार होती हैं। गठिया या फिर अर्थराइटिस जैसी जटिल परिस्थितियों में कई तरह की हर्बल यूनानी दवायें उपयोग के लिए मरीज को दी जाती हैं। यूनानी दवाएं वास्तव में लाभ तो पहुंचाती हैं लेकिन तेज दर्द के दौरान ऐसी दवाओं का असर शरीर पर ना के बराबर होता है।

    पीठ का यूनानी दवा संबंधित जरूरी सलाह/ सुझाव

    पीठ का दर्द यूनानी दवा वास्तव में लाभदायक होती है लेकिन इसके साथ परहेज बेहद आवश्यक है। यदि मरीज को समय से स्वस्थ होना है तो परहेज आवश्यक होता है। इसके अलावा चिकित्सक की सलाह के बगैर किसी भी तरह की दवा का सेवन शरीर को बेहद नुकसान पहुंचा सकता है इस तरह की दवाओं के साथ अन्य विधा की दवाओं का सेवन सही नही होता। ऐसी स्थिति में चिकित्सक की सलाह पर दवाओं का सेवन करें। दो विधा की दवाएं आपस में अभिक्रिया कर सकती हैं जिसकी वजह से रोगी की जान तक जाने का खतरा बन जाता है।

    डॉ आकांक्षा

    • 7 Years of Experience
    • (BHMS)
    • Quora

    मै डॉ आकांक्षा होम्योपैथिक चिकित्सा में बैचलर हैं. इन्हें जॉइंट्स पेन (जोड़ों का दर्द) और बैक पेन (पीठ दर्द) जैसे रोगों का विशेषज्ञ माना जाता है. इन्होने अपने उपचार से देश के हजारों मरीजों को नया जीवन दिया है. डॉ आकांक्षा को जॉइन्स पेन( जोड़ों का दर्द) और बैक पेन

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