एलोपैथिक दवाओं का पीठ के दर्द में होता है बेहद व्यापक असर

पीठ के दर्द

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    पीठ का दर्द एलोपैथिक दवा वास्तव में एक ऐसी आधुनिक औषधि है जो दर्द के दौरान तुरंत राहत तो देती ही है बल्कि काफी समय तक ऐसी समस्या का समाधान भी करती है। पीठ की समस्या से जूझ रहे लोग फौरी राहत के लिए जिस दवा का इस्तेमाल करते हैं उसी का नाम एलोपैथी है। इस तरह की दवाएं दर्द से राहत तो दिलाती ही हैं लेकिन बिना चिकित्सक की सलाह के ऐसी दवाएं शरीर को भारी नुकसान पहुंचा सकती है। पीठ शरीर का ऐसा हिस्सा है जो सीधे तौर पर कई लेयर हड्डियों का ऐसा ढांचा होता है जिसकी संरचना बेहद जटिल होती है। इससे जुड़ी हड्डियां आपस में ऐसा चेन बनाती हैं जो आपस में हृदय से लेकर फेफड़ों को सीधे तौर पर जोड़ती है।

    सामान्य परिस्थितियों में होने वाला दर्द लापरवाही के चलते बड़े रोग में तब्दील हो ही जाता है। एक अंतरराष्ट्रीय स्वास्थ्य संगठन द्वारा इस तरह की मर्ज की सबसे बड़ी खान पान और जीवनशैली को माना जाता है। भोजन में विसंगति के चलते शरीर में यूरिया की मात्रा के साथ ही हड्डियों को नुकसान पहुंचाने वाले अवशिष्ट पदार्थ जमना शुरू हो जाते हैं। वैसे तो दुनिया भर में इलाज की तमाम व्यवस्थाएं मौजूद हैं लेकिन आधुनिक उपचार की ऐलोपैथी दवा दर्द में तुरन्त राहत देने के साथ लंबे समय तक कारगर होती है। इस लेख से हम इस बात पर प्रकाश डालेंगे कि किस तरह से ऐसी दवाएं पीठ के दर्द में राहत देती हैं और इससे जुड़ी प्रमुख जटिलताओं पर भी चर्चा करेंगे।

    पीठ दर्द से संबंधित प्रमुख जटिलताएं

    किसी भी जगह ज्यादा देर तक बैठकर काम करने की आदत हो या दफ्तरों में काम को निपटाने में लोग अपनी दिनचर्या में इस तरह मशगूल हो चुके हैं कि पता ही नही चलता कि जीवनशैली किस तरफ जा रही है। जीवन में तनाव के चलते नींद ना पूरी होने की वजह से हड्डियों का कमजोर होना स्वाभाविक है। खान पान के सटीक प्रयोग ना करने से हड्डियां कमजोर होने लगती हैं। काफी देर तक एक करवट के साथ सोने से भी हड्डियों पर दबाव पड़ने से प्लेट या लिगामेंट कठोर होने लगता है और उनमें सूजन आने लगती है। इस तरह से चोट या मांसपेशियों में या फिर नर्म ऊतकों की क्षति के साथ ही जोड़ों में मौजूद फ्लूड की कमी होने लगती है।

    भोजन में दोष की वजह से हड्डियों में यूरिक एसिड की अधिकता होने से संक्रमण होने का खतरा बढ़ जाता है। इसके अलावा पीठ का दर्द फेफड़ों के संक्रमण की सबसे बड़ी वजह बनता है। सीने में कफ जमने से सीने की हड्डियां संक्रमण का शिकार हो जाती हैं। हल्के दर्द के दौरान गफलत बरतने पर अक्सर ट्यूबरक्लोसिस जैसी बीमारी से पीठ की समस्या काफी बढ़ जाती है। एक सर्वे के मुताबिक दुनिया में हर साल ट्यूबरक्लोसिस जैसी जटिल समस्या से करोड़ों लोग प्रभावित होते हैं। बढ़ता प्रदूषण इस तरह की बीमारी की सबसे बड़ी वजह माना जाता है।

    पीठ का दर्द एलोपैथी दवा के फायदे

    पीठ का दर्द एलोपैथी दवा वास्तव में एक ऐसी औषधि है जो शरीर पर तुरंत राहत देने का काम करता है। चिकित्सक इस प्रकार की दवाओं का इस्तेमाल मरीज की मौजूदा स्थिति के हिसाब से तय करता है। यदि सामान्य स्थिति के चलते दर्द हो रहा होता है तब चिकित्सक सामान्य पेनकिलर के साथ मरीज को हल्की एक्सरसाइज की सलाह देते हैं। इस तरह के उपायों से मरीज को आराम मिलता है। यदि इस तरह की दवा हल्का चोट या मोच जैसी दर्द को सही ना करने का कारण बनती है तब चिकित्सक एक्सरे से लेकर कई तरह के बायोस्कोपी की सलाह देते हैं। इसके साथ ही खून के कुछ नमूनों के साथ जांच के लिए कहा जाता है। खून की जांच में आये रिपोर्ट के साथ ही चिकित्सक दवा आरम्भ करता है। हालांकि मर्ज किस तरह जी है इस बात को जानने के साथ ही डॉक्टर कई तरह के एन्टी ऑक्सीडेंट के साथ एलर्जी को दूर करने वाली दवाओं के सेवन की साल देते हैं। इसके अलावा कफ और वात रोगों को दूर कर पीठ के दर्द को समाप्त करने के लिए कुछ सीरप के इस्तेमाल की भी सलाह दी जाती है।

    इसके साथ मैरेज को कई सप्ताह तक लगातार दवाओं के सेवन की सलाह दी जाती है। यदि मरीज का पीठ ट्यूबरक्लोसिस की वजह से दर्द से कराह रहा हो तब चिकित्सक डॉट जैसी आधुनिक प्रणाली की दवाओं की सलाह देते हैं। हालांकि इस तरह के उपचार माध्यम काफी लंबे वक्त तक चलाये जाते हैं। जब दवा से मरीज को पीठ की समस्या से राहत नही मिलती तब आखिरी विकल्प शल्य चिकित्सा की बचती है। हालांकि यह प्रक्रिया काफी जटिल और कष्टकारी होती है लेकिन उपचार के बाद मरीज लंबे समय तक स्वास्थ्य लाभ उठा सकता है। इसके साथ ही कुछ परिस्थितियों में मरीज को पूरी जिंदगी दवाओं पर निर्भर रहना पड़ता है।

    पीठ का दर्द एलोपैथी दवा सम्बंधित जरूरी सलाह/ सुझाव

    एलोपैथी एक ऐसी चिकित्सा व्यवस्था है जो तेज दर्द के समय तुरंत राहत देकर सकून देती है। या दुनिया की सर्वमान्य दवा मानी जाती है। इस चिकित्सा सेवा की अपनी कुछ दुश्वारियां भी होती हैं। एलोपैथिक दवाओं का ओवर डोज़ बेहद खतरनाक होता है। इस स्थिति में इंसान का जीवन खतरे में पड़ जाता है। इसके अलावा इसकी मात्रा का सेवन कम करने पर दवा शरीर पर असर नही करती। ज्यादा मात्रा में पेनकिलर या फिर एन्टी बायोटिक दवाओं के सेवन से शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता घटने लगती है। जब भी एलोपैथी चिकित्सा विधा की दवाओं का इस्तेमाल करें, पंजीकृत चिकित्सक की सलाह जरूर ले लें।

    डॉ आकांक्षा

    • 7 Years of Experience
    • (BHMS)
    • Quora

    मै डॉ आकांक्षा होम्योपैथिक चिकित्सा में बैचलर हैं. इन्हें जॉइंट्स पेन (जोड़ों का दर्द) और बैक पेन (पीठ दर्द) जैसे रोगों का विशेषज्ञ माना जाता है. इन्होने अपने उपचार से देश के हजारों मरीजों को नया जीवन दिया है. डॉ आकांक्षा को जॉइन्स पेन( जोड़ों का दर्द) और बैक पेन

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